uddhav thackeray and Eknath Shinde
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  • दशहरा पर दोनों गुटों का शक्तिप्रदर्शन

सूर्यप्रकाश मिश्र@नवभारत  

मुंबई: शिवसेना शिंदे गुट की दशहरा (Dussehra) रैली का आयोजन मंगलवार को ‘आजाद मैदान’ (Azad Maidan) में किया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पहली बार आजाद मैदान से शिवसेना की ऐतिहासिक रैली को संबोधित करने वाले हैं। इस दशहरा रैली को जोरदार तैयारी की गई है। पिछले साल जून में शिवसेना मे हुए विभाजन के बाद पार्टी का नाम व निशानी सीएम शिंदे गुट को मिलने से उनके कार्यकर्ताओं में उत्साह का वातावरण है। उधर इस साल भी उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की दशहरा रैली शिवतीर्थ यानी शिवाजी पार्क (Shivaji Park) मैदान पर ही होगी। 

दागेंगे एक दूसरे पर तोप
शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना मंगलवार को अपनी अपनी दशहरा रैलियों के जरिये एक बार फिर अपना अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे। पिछले साल जून में शिवसेना के विभाजित होने के बाद से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना खुद को पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी के रूप में पेश करने में लगी हैं।

सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना अपने आप को हिंदुत्व का असली पैरोकार साबित करने में लगी है। बाल ठाकरे के असली हिन्दुत्व का विचार छोड़ कर कांग्रेस व एनसीपी की गोद में बैठने का आरोप उद्धव ठाकरे पर लग रहा है। उद्धव ठाकरे भी शिवाजी पार्क से शिंदे सरकार पर आक्रामक हमला करेंगे। शिवसेना की स्थापना से ही शिवाजी पार्क मैदान पर शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की दशहरा रैली होती रही है। पिछले साल विभाजन के बाद पहली बार दो रैलियां हुई थी। 

एक्शन मोड पर
आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और एनसीपी अजित गुट के साथ शिवसेना जबकि कांग्रेस के साथ यूबीटी एक्शन मोड पर हैं। उद्धव अपना मुंबई का गढ़ बचाने मे लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री शिंदे  ने भी दशहरा रैली के माध्यम से अपनी पार्टी में पूरा जोश भरने का लक्ष्य बनाया है।

शिवसेना के सभी सांसद, विधायकों के साथ पार्टी पदाधिकारियों एवं नगरसेवकों को अपने अपने क्षेत्र से कार्यकर्ताओं को रैली के लिए एकत्र करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। सीएम के नेतृत्व में शिवसेना अपनी पूरी ताकत इस दशहरा रैली को सफल बनाने में लगाएगी। इस बार भी दोनों गुटों की रैलियों की तरफ लोगों की निगाहें लगी हुई हैं। मंगलवार को दोनों गुटों की रैली में एक दूसरे के खिलाफ कुछ नए खुलासे भी सुनने को मिल सकते हैं। 

दोनों रैलियों के मायने
शिवसेना की दोनों रैलियों को लेकर मुंबई ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों मे भी उत्सुकता का माहौल है। इस मायने से भी अहम हैं कि कुछ ही महीने बाद लोकसभा चुनाव हैं तथा राज्य में मुंबई समेत कई मनपा चुनाव भी 2022 के पहले से ही लंबित हैं। दोनों गुटों की नजर मनपा चुनाव पर भी है, लोकसभा के तुरंत बाद हो सकते हैं। एक दूसरे पर निशाना साधने के लिए इन रैलियों से पहले ठाकरे गुट ने बाल ठाकरे के भाषण के कई वीडियो क्लिप जारी किये हैं।

खासकर उनमें ऐसे क्लिप हैं जिनमें बताया गया है कि दल-बदलुओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए। वहीं अपनी रैली के बारे में शिंदे गुट के टीजर में बाल ठाकरे के ऐसे भाषण हैं, जहां उन्होंने हिंदुत्व की ही पैरवी की है। उद्धव ठाकरे गुट ने लगातार शिंदे गुट के सदस्यों को ‘गद्दार’ बताता रहा है, जबकि शिंदे गुट का दावा है कि हिंदुत्व का परित्याग कर पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने बाल ठाकरे के विचारों के विपरीत कांग्रेस एवं राकांपा से हाथ मिला लिया है।