Metro-3

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मुंबई: मुंबई में एशिया की सबसे लंबी और शहर की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो (Underground Metro) का काम जिस तेजी से चल रहा है, उससे लगता है कि साल के अंत तक मुंबईकरों (Mumbaikars) को भुमिगत मेट्रो की सौगात मिल सकती है। मुंबई में कुलाबा-बांद्रा-सीप्ज मेट्रो-3 रूट (Colaba-Bandra-Seepz Metro-3 Route) पर कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा हैं। एमएमआरसीएल (MMRCL) के अनुसार, आरे और बीकेसी (BKC) के बीच अंडरग्राउंड मेट्रो का पहला चरण 87 प्रतिशत पूरा हो गया है। इसके साथ साथ आरे में इस मेट्रो कारशेड का काम भी तेजी से शुरू है।

कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज तक लगभग 33.50 किमी लंबी अंडर ग्राउंड मेट्रो-3 की टनलिंग का काम पूरा होने के बाद सुरंग के अंदर ट्रैक बिछाने और स्टेशन का काम तेजी से चल रहा हैं। बताया गया कि 60 प्रतिशत भूमिगत ट्रैक का काम पूरा हो चुका है। इसके साथ स्टेशन बिल्डिंग, ओसीसी,ओएचई, एमईपी वर्क भी तेजी से चल रहा है। वैसे पूरे रूट का लगभग 81 फीसदी काम पूरा हो चुका है। 

 मेट्रो-3 में 26 भूमिगत स्टेशन 

कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज तक लगभग 33.50 किमी लंबी अंडर ग्राउंड मेट्रो-3 में 26 भूमिगत स्टेशन हैं और एक आरे में ग्रेड स्टेशन है। भूमिगत स्टेशन जमीनी स्तर से 18 मीटर से 25 मीटर नीचे विकसित किए गए हैं जिनमें सेंट्रल एयर कंडीशनिंग प्लांट होंगे। बताया गया  कि आरे मेट्रो स्टेशन को छोड़कर, पहले चरण के सभी 9 स्टेशनों पर सिविल कार्य 92 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है।

साल के अंत तक होगी शुरू  

पहले चरण में सरिपुत नगर से बीकेसी के बीच दिसंबर 2023 तक भूमिगत मेट्रो दौड़ाने का लक्ष्य एमएमआरसीएल ने बनाया है। पहले चरण का जहां  काम तेजी से चल रहा है, वहीं दूसरी ओर मेट्रो ट्रेन तैयार करने व उन्हें मुंबई लाकर उनकी जांच पड़ताल का काम भी तेजी से चल रहा है। तीसरी ट्रेन के चार डिब्बे मुंबई आ गए हैं। बताया गया कि मेट्रो-3 का पहला चरण शुरू करने के लिए नौ रेक की आवश्यकता होगी। दो रेक की टेस्टिंग सरिपुट नगर से मरोल नाका तक हो रही है। एमएमआरसी की कोशिश है कि बाकी कोच को जल्द  मुंबई लाकर ट्रेनों का परीक्षण कर लिया जाए।

ट्रैक का काम तेज

एमएमआरसी की एमडी अश्विनी भिड़े के अनुसार, आरे कार शेड से लेकर अंत तक ट्रैक का काम कई चरण में तेजी से किया जा रहा है। पहले फेज के मेट्रो स्टेशन का 92.9 प्रतिशत, टनल का 100  फीसदी, ट्रैक का 85.2 फीसदी और विविध कार्यों का 64.7 फीसदी पूरा हो चुका है। दूसरे चरण के ट्रैक का 46.2 फीसदी, विविध कार्यों का 42.2 फीसदी, मेट्रो स्टेशन का 88.1 फीसदी और सुरंग का 95.2 फीसदी काम पूरा हो चुका हैं। दिसंबर 2023 तक मुंबईकरों का भूमिगत मेट्रो से यात्रा करने का सपना सच हो जाएगा।

31 रेक की जरूरत

एमएमआरसीएल को मेट्रो-3 के 33 किलोमीटर के रूट पर ऑपरेट करने के लिए कुल 31 रेक की जरूरत होगी। इस बीच आरे कारशेड का काम लगभग 55 प्रतिशत हो गया है। मेट्रो-3 के संचालन के साथ कार शेड भी पूरी तरह रेडी करने का लक्ष्य है । मेट्रो-3 के रूट पर आईलैंड प्लेटफॉर्म का निर्माण हो रहा है। इस तरह ट्रेन के दोनों तरफ प्लेटफ़ॉर्म होंगे, ताकि ज्यादा भीड़ न हो और यात्री दोनों तरफ से आसानी से उतर सकें।