GST
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    मुंबई: जीएसटी (GST) में आए दिन हो रहे बदलावों (Changes) से व्यापारियों (Traders) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अब माल भाड़े पर जीएसटी छूट समाप्त करने से व्यापारियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। व्यापारियों के महासंघ कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने यह छूट समाप्त करने का विरोध किया है। 

    कैट के मुंबई अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया कि लगातार हो रहे बदलावों से व्यापारी, टैक्स प्रैक्टिशनर और अधिकारी तक परेशान है। ऐसे में अब ट्रांसपोर्ट का कारोबार करने वालों के लिए भी जीएसटी के प्रावधानों में बड़े बदलाव किए गए हैं। अभी तक 750 रुपए तक के भाड़े को जीएसटी से बाहर रखा गया था, पूरी गाड़ी के भाड़ा देने की स्थिति में टैक्स फ्री भाड़े की राशि 1,500 रुपए प्रति गाड़ी तक की थी, लेकिन अब माल भाड़े पर जीएसटी में मिलने वाली यह छूट समाप्त हो गयी है। ट्रांसपोर्ट एजेंसी को दिए गए हर तरह के माल भाड़े पर जीएसटी चुकाना होगा।

    1,100 से अधिक बदलाव

    नए प्रावधान के तहत जीएसटी की रकम हर व्यापारी को रिवर्स चार्ज के तहत जमा करनी होगी। इस चुकायी गयी रकम का व्यवसायी इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। ट्रांसपोर्टर चाहें तो वे फॉरवर्ड चार्ज का आप्शन चुन कर भाड़े के साथ व्यापारी से जीएसटी वसूल कर सरकार के खाते में खुद ही जमा कर सकेंगे। खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के महामंत्री तरुण जैन ने कहा जीएसटी अमल में आने के बाद 1,100 से अधिक बदलाव किए गए हैं। इस तरह आए दिन हो रहे बदलावों से सभी लोग परेशान हैं। कुछ बदलाव तो अधिकारियों तक भी नहीं समझ पा रहे हैं। इसलिए सरकार को कुछ अंतराल के बाद ही बड़े परिवर्तन करने चाहिए।