voice cloning tool used for robbery

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नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई स्थित अंधेरी से एक हाईटेक रॉबरी (Hi tech robbery in mumbai) का मामला सामने आया है। जहां 69 वर्षीय एक व्यक्ति ने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में ठगी की शिकायत दर्ज कराई है। ठगी की इस वारदात को फिल्म मिशन इंपॉसिबल की तर्ज पर अंजाम दिया गया है। ठग ने सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल करके पीड़ित के भतीजे की आवाज (voice cloning) में बात की। पीड़ित को खुद उसके भतीजे ने बताया कि उसका अपहरण हो गया है और फिरौती के तौर पर 3.70 लाख रुपये की रकम ठग के खाते में भेजी गई। लेकिन बाद में पता चला की उसके भतीजे ने उसे कोई कॉल ही नहीं किया था।  

सच में आया भतीजे का कॉल 
अंधेरी पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता एक ठेकेदार है जो अपनी पत्नी के साथ अंधेरी इलाके में रहता है। पुलिस शिकायत के अनुसार,15 जनवरी की सुबह उन्हें एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया था। उस कॉल पर उनके बड़े भाई का बेटा, जो विदेश में रहता है। भतीजे ने शिकायतकर्ता को बताया कि वह 22 जनवरी को व्यवसाय से संबंधित कुछ काम के कारण भारत लौट रहा है। वो उनके खाते में 10 लाख रुपये भेजने वाला है। उसने शिकायतकर्ता से यह बात उसके पिता को न बताने का भी अनुरोध किया था। 

भतीजे की आवाज में आया वाइस क्लोनिंग वाला फोन 
उसी दोपहर शिकायतकर्ता को भतीजे ने बताया कि उसने पैसे भेज दिया हैं और यह अगले 24 घंटों में उसके खाते में पैसा जमा कर दिया जाएगा। बाद में, जब शिकायतकर्ता दक्षिण मुंबई गया, तो उसके भतीजे ने उसे फिर से फोन किया और बताया कि जगमोहन नामक व्यक्ति ने उसका अपहरण कर लिया है। भतीजे ने शिकायतकर्ता से कहा कि वह इस व्यक्ति को उसके द्वारा भेजे गए पैसे से फिरौती की रकम दे। अन्यथा जगमोहन उसका पासपोर्ट नष्ट कर देगा। डरे हुए शिकायतकर्ता ने वही किया जो उसके भतीजे ने उससे कहा था। 

 

ठगी का हुआ एहसास 
निर्देशानुसार जगमोहन के दोस्त करण के खाते में 3.70 लाख रुपये जमा कर दिया था। भुगतान के बाद शिकायतकर्ता ने फोन किया और अपने भतीजे को सूचित किया कि उसने फिरौती की रकम जमा कर दी है। लेकिन इस बार उसके भतीजे की आवाज़ कुछ अलग थी। जिससे शिकायतकर्ता को विश्वास हो गया कि कुछ गड़बड़ हो रही है। इसके बाद उन्होंने अपने भतीजे के नियमित नंबर पर भुगतान पावती रसीद भेजी। जिस पर उनके भतीजे ने जवाब देते हुए पूछा कि यह किस लिए है। तब शिकायतकर्ता ने उसे सारी बात बताई, तब उनके भतीजे ने उनसे कहा कि वह कार्यालय में होने के कारण फोन नहीं उठा सका था। जिसके बाद पीड़त ने पुलिस से संपर्क कर प्राथमिकी दर्ज कराई है।