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मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पुणे के रोजरी एजुकेशन ग्रुप (Rosary Education Group) के विनय अरन्हा (Vinay Aranha) 47.1 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त (Property Seized) कर ली है। ईडी ने उसे 10 मार्च को मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। उस पर कॉसमॉस बैंक से 20 करोड़ रुपए कर्ज धोखाधड़ी का आरोप है।

कॉसमॉस बैंक के कर्ज धोखाधड़ी मामले के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत पुणे के रोजरी एजुकेशन ग्रुप और उसके भागीदारों विनय अरन्हा और विवेक अरन्हा की 47.1 करोड़ रुपए की चार संपत्ति जब्त की गई है। इसमें भूमि और स्कूल भवन शामिल हैं, जो विनय अरन्हा और परिवार के नाम पर हैं।

फर्जी दस्तावेज जमा कर बैंक से लिया कर्ज

कॉसमॉस बैंक के एक अधिकारी की शिकायत के बाद पुणे सिटी पुलिस में विनय विवेक अरन्हा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने संपत्ति के फर्जी दस्तावेज जमा करके कॉसमॉस बैंक से 20 करोड़ 44 लाख रुपए का ऋण प्राप्त किया था।

फर्जी वर्क इनवॉइस किया पेश

आरोप है कि विनय अरन्हा ने फर्जी वर्क इनवॉइस पेश किया और फर्जी वेंडरों को कर्ज बांट दिया। जिसे वेंडरों ने तुरंत कैश में निकाल कर उसे वापस कर दिया। ईडी ने इस मामले में फंड ट्रेल जांच भी की है और पाया है कि विनय अरन्हा ने कर्ज को डायवर्ट किया और करोड़ों रुपए नकद प्राप्त किए।