मुंबई: राज्य में गर्मी और उमस बढ़ने से आम नागरिक जहां परेशान हैं, वहीं दूसरी तरफ विभिन्न क्षेत्रों में बिजली कटौती (Power Cut) शुरु हो गयी है। ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राउत (Dr. Nitin Raut) ने कहा है कि कोयला (Coal) की कमी की वजह से बिजली का उत्पादन कम हुआ है, जबकि बिजली की मांग बढ़ कर 29 हजार मेगावाट हो गई है। राज्य में 1500 से 2500 मेगावाट बिजली बाहर से खरीदनी पड़ रही है। महंगी बिजली (Expensive Electricity) खरीदने के लिए पैसे नहीं है। बिजली की किल्लत से उबरने के लिए कुछ स्थानों पर लोडशेडिंग (Loadshedding) करनी पड़ रही है। हालांकि बिजली कटौती को लेकर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि राज्य को एक बार फिर अंधेरे में धकेलने का कार्य किया जा रहा है।
ऊर्जा मंत्री राउत ने कहा कि देश में बड़े पैमाने पर कोयले का संकट पैदा हुआ है। साथ ही गर्मी और उमस बढ़ी है। त्यौहार और उत्सवों की वजह से बिजली की मांग बढ़ी है। उरण स्थित गैस प्लांट से 50 प्रतिशत आपूर्ति हो रही है। केंद्र सरकार से एपीएम की आपूर्ति समझौते के अनुसार नहीं हो रही है। जिसकी वजह से परियोजना पूरी क्षमता से नहीं चल रही है।
महंगी बिजली खरीदना संभव नहीं
संजय राउत ने कहा कि लोडशेडिंग रोकने के हर संभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अनेक स्थानों पर बड़े पैमाने पर बिजली लिकेज, बिजली चोरी हो रही है, वहां पर बिजली कटौती कर उबरने का प्रयास हम कर रहे हैं। राउत ने कहा कि बाजार में 6.50 रुपए से 12 रुपए तक दर निश्चित किया गया है। केंद्र सरकार ने 12 रुपए का कैप लगाया है। पैसों की कमी की वजह से इतनी महंगी बिजली खरीदना संभव नहीं है।
सावधान! फिर से आवाज को सुनिए। टैंकर से मुक्ति के बाद फिर टैंकर युक्त, लोडशेडिंग मुक्ति से एक बार फिर लोड शेडिंग की तरफ, राज्य में सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार, नो गवर्नंस की वजह से जनता परेशान है और अब इसके परिणाम दिखने लगे हैं। राज्य पीछे जा रहा है।
-देवेंद्र फडणवीस, नेता विरोधी दल