anil deshmukh
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    नयी दिल्ली/मुंबई. सुबह की एक बड़ी खबर के अनुसार महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) अपने खिलाफ जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच में शामिल होने के लिए मुंबई स्थित प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय (Enforcement Directorate Office)  पहुंच गए हैं ।

    अधिकारियों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित 100 करोड़ रुपये की रिश्वत एवं वसूली मामले में की जा रही आपराधिक जांच के संबंध में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 71 वर्षीय नेता का बयान दर्ज करेगी। वसूली के आरोपों के कारण देशमुख को अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा था। देशमुख इस मामले में ईडी द्वारा जारी किए गए कम से कम चार सम्मनों पर पेश नहीं हुए लेकिन बंबई उच्च न्यायालय के गत सप्ताह इन सम्मनों को रद्द करने से इनकार करने के बाद वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए हैं।

    गौरतलब है कि इसके पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन के खिलाफ महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की याचिका को खारिज कर दिया था। दरअसल पूर्व गृहमंत्री देशमुख ने इस याचिका में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन्हें जारी किए गए समन और मामले में पूरी कार्यवाही रद्द करने का अनुरोध किया था। 

    ED पर लगे थे ये आरोप  

    पता हो कि इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने 13 अक्तूबर को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया था कि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उनके खिलाफ कथित धन शोधन मामले में शुरू की गई कार्रवाई ऐसे लोगों के दावों पर आधारित है, जो खुद हत्या और उगाही जैसे संगीन अपराधों में लिप्त हैं। वहीं प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने में अब तक नाकाम रहे देशमुख ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट को ये भी बताया था कि वह जांच एजेंसी के सामने हर हाल में पेश होना चाहते हैं, लेकिन एजेंसी उनके खिलाफ असहयोग भरा रवैया अपनाने की छवि पहले ही गढ़ चुकी है। 

    CBI और ED कर रही देशमुख के खिलाफ जांच  

    गौरतलब है कि CBI द्वारा इस साल 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप में FIR दर्ज होने के बाद ED ने देशमुख और अन्य के खिलाफ एक बड़ी जांच शुरू की थी। वहीं CBI ने भी मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार और कदाचार के संगीन आरोपों के चलते एक प्रारंभिक जांच (PE) के बाद FIR दर्ज कर ली थी। ये भी बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह खुद भी अब जबरन वसूली के आरोपों का सामना कर रहे हैं जिसकी जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा फिलहाल जारी है।