corona
File Photo

    Loading

    मुंबई. दूसरी लहर में हुए नुकसान की पुनरावृत्ति न हो इसलिए महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) अभी से ही तीसरी लहर (Third Wave) से निपटने की तैयारी में जुट गया है। दूसरी लहर से सीख लेते हुए राज्य ने अभी से ही उपलब्ध संसाधनों और भविष्य में लगने वाली अतिआवश्यक दवाइयां (Medicines), ऑक्सीजन (Oxygen), वेंटिलेटर (Ventilators), टेस्टिंग किट्स (Testing Kits) आदि का आंकलन लगा लिया है। इस की रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) के समक्ष पेश की गई। तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार सुसज्ज होने की बात भी ठाकरे ने कही। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार अति आवश्यक दवाइयां और ऑक्सीजन का प्रबंध कैसे करेगी। 

    हालांकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक, तीसरी लहर दूसरी लहर की तुलना में छोटी होगी। ऐसे में राज्य की मौजूदा तैयारी भी बीमारी से लड़ने के लिए काफी होगी।

    50 लाख लोग हो सकते है संक्रमित

    राज्य में कोरोना की तीसरी लहर यदि आती है तो 50 लाख लोग इसकी चपेट में आने की संभावना सरकार की एक्सपर्ट्स ने अपने रिपोर्ट में जताई है। इसमें करीब 5 लाख बच्चे भी कोरोना से संक्रमित होने की बात कही है। ऐसे में राज्य में कई जिलों में बच्चों के लिए भी अलग से बेड्स आरक्षित किए जा रहे हैं।

    आर्थिक बोझ बढ़ाएगा तीसरी लहर

    कोरोना महामारी के कारण वैसे ही अर्थ व्यवस्था को काफी झटका लगा है। ऐसे में तीसरी लहर आर्थिक बोझ भी बढ़ाने वाला है। सरकारी सूत्रों की मानें तो सरकार को तीसरी लहर से निपटने के लिए 893 करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ बढ़ेगा। वो भी अति आवश्यक दवाइयां जैसे रेमडेसिविर, टॉसिलिजूमैब, हेपरिन इंजेक्शन और पेरासिटामोल व अन्य दवाइयों की खरीदी में उक्त पैसे खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।

    90 हजार मैट्रिक टन ऑक्सीजन

    कोरोना की दूसरी लहर में दवाइयों की कमी तो खली ही, लेकिन ऑक्सीजन के लिए भी मरीजों को तरसना पड़ गया। दूसरी लहर के पीक में करीब 60 हजार मैट्रिक टन की खपत हो रही थी, जिसे पूरा करने के लिए केंद्र सरकार का सहारा लेना पड़ा था। तीसरी लहर में करीब 90 हजार मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने की संभावना एक्सपर्ट्स ने जताई है। 

    मेरे अनुभव और कई देशों में आए कोरोना की तीसरी लहर का अध्ययन करने बाद मुझे यह लगता है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर से छोटी होगी। इसके दो प्रमुख कारण यह है कि एक तो बड़ी संख्या में लोग हाल ही में कोरोना से ग्रसित हुए हैं। दूसरा 10 से 15 फीसदी लोगों का राज्य में टीकाकरण का पहला डोज हो गया है। लोगों में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, डेल्टा प्लस को लेकर अब तक केवल कयास लगाए जा रहे हैं, यह स्पष्ट रूप से कोई नहीं कह सकता है कि वैक्सीन भी इस वायरस पर बेअसर रहेगी। तो हमें डरने की आवश्यता नहीं है। सरकार की जो तैयारी चल रही है वो ठीक है।

    -डॉ. ईश्वर गिलाडा, संक्रामक रोग विशेषज्ञ एवं महासचिव, ऑर्गेनाइजड मेडिसिन एकेडेमिक गिल्ड

    राज्य सरकार ने इस बार तमाम एक्सपर्ट्स और पैनल की बातों को गंभीरता से लेते हुए अभी से तीसरी लहर से निपटने की उपाय योजनाओं में जुट गई है। हमारे कई सुझावों को अमल में लाया गया है। सरकार के पास पर्याप्त बेड्स हैं। फिलहाल जो भी तैयारियां चल रही है वो तीसरी लहर से निपटने के लिए मददगार साबित होगी।

    -डॉ सुभाष सालुंखे, स्टेट कोविड एडवाइजर

    क्या और कितना लगेगा

    रेमडेसिविर

    • अब तक का उपयोग- 6.70 लाख वायल
    • तीसरी लहर के लिए – 8 लाख वायल की जरूरत

    टॉसिलिजूमैब

    • अब तक का उपयोग- 4000 वायल
    • तीसरी लहर के लिए-10000 वायल की जरूरत

    हेपरिन इंजेक्शन

    • अब तक का उपयोग- 7.20 लाख डोज
    • तीसरी लहर के लिए-10 लाख डोज की जरूरत

    पेरासिटामोल

    • अब तक का उपयोग- 1.5 करोड़ गोली
    • तीसरी लहर के लिए – 1.5 करोड़ गोली की जरूरत

    आरटीपीसीआर किट

    • अब तक का उपयोग- 1 करोड़ किट
    • तीसरी लहर के लिए – 1.25 करोड़ किट की जरूरत 

    रैपिड एंटीजन टेस्ट किट

    • अब तक का उपयोग- 70 लाख किट
    • तीसरी लहर के लिए- 88 लाख किट

    फेस मास्क

    • अब तक का उपयोग- 1.6 करोड़
    • तीसरी लहर के लिए- 1.32 करोड़

    26 जून को राज्य में इतनी है बेड्स की संख्या

    • कोरोना अस्पताल- 6754
    • आइसोलेशन बेड्स- 468814
    • ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स- 111503
    • आईसीयू बेड्स- 37310
    • वेंटिलेटर सपोर्टेड बेड्स- 13373