Supreme Court and Rahul Narvekar

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मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों की अयोग्यता (MLA Disqualification Case) पर फैसला एक बार फिर टल गया है। 13 Oct (13 October) को अगली सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कड़े रुख के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सोमवार, 25 सितंबर को विधान भवन के सेन्ट्रल हॉल में इस मामले की फिर से सुनवाई शुरू की। 
 
शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में कुल 34 याचिकाओं पर सुनवाई होने वाली है। सोमवार को पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे गुट के वकील देव दत्त कामत ने तर्क दिया कि ये सभी याचिकाएं विधायकों की अयोग्यता से जुड़ी हुई हैं। इसलिए सभी को एक साथ सुना जाना चाहिए। लेकिन सीएम एकनाथ शिंदे गुट के वकील अनिल साखरे ने कामत की इस दलील पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई नहीं होनी चाहिए। 
 
 
उन्होंने तर्क दिया कि प्रत्येक याचिका में मुद्दे अलग-अलग हैं और इसके लिए हमारे साक्ष्य भी अलग-अलग हैं। इस पर ठाकरे गुट के वकील ने विधानसभा अध्यक्ष से पूछा कि आखिर 34 याचिकाओं के निपटाने का कार्यक्रम क्या होगा और इसमें कितना समय लगेगा। इस पर विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि वह सभी वकीलों को सुनवाई कार्यक्रम का मसौदा सुझाएंगे और उस पर सबकी राय लेंगे। इस पर ठाकरे गुट के वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा कि किसी भी सुनवाई में ऐसा कभी नहीं हुआ कि मसौदा पहले से तय किए गए हो। 
 
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि वे जल्द ही इस पूरी सुनवाई की टाइमलाइन घोषित करेंगे। उन्होंने अब अगली सुनवाई के लिए 13 अक्टूबर का दिन निर्धारित किया है। उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि विधायकों की अपात्रता के मामले में अगले 15 दिनों में बड़ा फैसला आ सकता है, लेकिन अब इसके लिए और इंतज़ार करना होगा।
 
 
फैसले में तीन महीने का लग सकता है समय
सूत्रों के मुताबिक इस फैसले के आने में तीन महीने का  समय लग सकता है। इस मामले में ठाकरे गुट की 22 और शिंदे गुट की 12 समेत कुल 34 याचिकाएं हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों गुटों की ओर से पार्टी के अहम दस्तावेज और संविधान जमा करा लिए हैं। लेकिन उन दस्तावेजों का सत्यापन, विधायकों की गवाही दर्ज करना और जिरह ये सब सुनवाई की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया को पूरा होने में तीन महीने तक का समय लग सकता है। साथ ही दिसंबर महीने में विधान मंडल के शीतकालीन अधिवेशन को देखते हुए यह अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है कि यह मामला जनवरी 2024 तक लंबा खिंच सकता है।
 
तुरंत करें फैसला, ठाकरे गुट की मांग  
ठाकरे गुट के सांसद अनिल देसाई का कहना है कि विधायकों की अयोग्यता मामले में फैसले लेने में पहले से देरी हो चुकी है। माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी माना है कि उचित समय सीमा पार हो चुकी है। अब विधानसभा अध्यक्ष इस मामले को फिर से आगे लेकर जा रहे हैं। सीएम एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों ने पार्टी व्हिप का पालन नहीं किया है। इस मामले में ज्यादा सबूत की जरूरत नहीं है। हमारी मांग है कि विधानसभा अध्यक्ष इस पर जल्द फैसला लें।
 
 
किसी के साथ अन्याय नहीं होगा
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि अगली सुनवाई कैसे करनी है इसके लिए वह एक कार्यक्रम तैयार करेंगे। स्पीकर ने पहले ही साफ़ किया है कि हर मामले की सुनवाई होगी और किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। ऐसे में स्पीकर की मंशा पर सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए। सूत्रों के मुताबिक़ विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर अगले एक-दो दिन में विधायक अयोग्यता मामले में शिवसेना शिंदे गुट के प्रमुख एकनाथ शिंदे और पूर्व  सीएम उद्धव ठाकरे को भी नोटिस भेजेंगे। उम्मीद है कि दोनों गुटों के पार्टी नेताओं की ओर से एक-दो सप्ताह में  अपना पक्ष रखने के लिए ये नोटिस दिए जाएंगे।

देर होने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई है नाराजगी
विधायकों की अयोग्यता मामले पर फैसला लेने में हो रही देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के रवैए को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। इस मामले में अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि स्पीकर अपनी तरफ से क्या पक्ष रखते हैं।