मुंबई: मुंबई में तेजी से बढ़ी ट्रैफिक समस्या (Traffic Problem) को कम करने के लिए मेट्रो, मोनो के साथ विभिन्न यातायात साधनों पर काम शुरू है। इसी कड़ी में एमएमआरडीए (MMRDA) द्वारा मुंबई में रोप-वे (Rope-Way) शुरू किए जाने की योजना ठन्डे बस्ते में जाती नजर आ रही है। शहर के पश्चिमी उपनगर बोरीवली के पास गोराई (Gorai) और पगोडा को मेट्रो-2 ए से जोड़ने वाले रोप वे योजना को रोक दिया गया है।
एमएमआरडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, रोप-वे प्रोजेक्ट के लिए नए सिरे से टेंडर मंगाने थे, लेकिन फ़िलहाल तकनीकी कारणों से रोप-वे योजना को रोक लग गई है।
2020 में जारी हुआ था टेंडर
मुंबई की पहली रोप-वे योजना के लिए एमएमआरडीए की ओर से फरवरी 2020 में टेंडर जारी किया गया था, लेकिन इसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इस परियोजना पर लगभग 568 करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद थी। हालांकि, प्राधिकरण ने अगस्त 2020 में फिर से दो बोलीदाताओं की रुचि पर एक निविदा जारी की। परियोजना वित्तीय रूप से व्यवहार्य नहीं होने के कारण पिछले मार्च में निविदा रद्द कर दी गई थी।
7.2 किमी का रोप-वे
मुंबई में लोगों को गोराई और पगोडा तक पहुंचने के लिए फेरी वाली नाव का सहारा लेना पड़ता है। महावीर नगर मेट्रो स्टेशन से पगोडा तक और पगोडा से गोराई तक आठ स्टेशनों वाले 7.2 किलोमीटर के रोप वे प्रस्तावित था। इसके तहत पर्यटकों को भी आकर्षित की योजना थी। एक एनजीओ चलाने वाले एक्टिविस्ट एडवोकेट गॉडफ्रे पिमेंटा ने कहा कि दुनिया में कहीं भी रोप-वे का इस्तेमाल लास्ट माइल कनेक्टिविटी के रूप में नहीं किया जाता है। यह पर्यटकों के लिए परिवहन का एक साधन है। उन्होंने सुझाव दिया कि मेट्रो लाइन 9, जो राईगांव (अंतिम स्टेशन) तक जाती है, उसे गोरई से उत्तन तक आगे बढ़ाया जाना चाहिए। इससे मेट्रो कॉरिडोर को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।
आईपीआरसीएल की प्रोजेक्ट रिपोर्ट
उल्लेखनीय है कि इंडियन पोर्ट रेल एंड रोपवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईपीआरसीएल) ने प्रस्तावित रोप-वे कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की थी। प्रस्तुत परियोजना में आईपीआरसीएल ने न्यूयॉर्क, कोलंबिया और तुर्की रोप-वे की प्रभावशीलता का हवाला देते हुए कहा कि वहां यह सफलतापूर्वक चल रहा है और इसी तरह मुंबई में भी रोप-वे सफल हो सकता है।