Eastern-Western Highway

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    मुंबई: एमएमआरडीए (MMRDA) ने बीएमसी (BMC)को आश्वस्त करते हुए कहा है कि पश्चिमी और पूर्वी एक्सप्रेस हाइवे का रखरखाव उसकी जिम्मेदारी है। मानसून (Monsoon) के दौरान कोई समस्या नहीं आएगी। उल्लेखनीय है कि वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है, उसकी वजह से कई जगहों पर नालियां टूटने से जल भराव की नौबत आ सकती है।

    मुंबई के पश्चिम उपनगरों से होकर गुजरने वाला व्यस्ततम वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे का कांक्रीटीकरण किए जाने का निर्णय एमएमआरडीए ने लिया है। भारी ट्रैफिक की वजह से वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर मानसून के दौरान बड़ी संख्या में गड्ढे हो जाते हैं। एमएमआरडीए इसके लिए  837 करोड़ रुपए खर्च करेगा। इसी तरह इस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे के भी सुधार का प्लान है।

    2018 से एमएमआरडीए के पास

    पीडब्ल्यूडी 2018 में वेस्टर्न एक्सप्रेस का एक हिस्सा एमएमआरडीए को ट्रांसफर कर दिया था। 2019 में पूरे रूट को एमएमआरडीए को ट्रांसफर कर दिया गया। तब से एमएमआरडीए हर साल इसकी  मरम्मत पर 30-40 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। भारी यातायात के कारण मानसून में गड्ढे और ट्रैफिक जाम वेस्टर्न एक्सप्रेस की सबसे बड़ी समस्या है।

    बीएमसी ने दी थी सूचना

    बीएमसी के अतिरिक्त नगर आयुक्त (परियोजनाएं) पी वेलरासु के अनुसार, इन दोनों हाइवे पर पूरे दिन भारी ट्रैफिक रहता है, इसलिए मरम्मत कार्य जरुरी है, जिसकी जिम्मेदारी एमएमआरडीए की है। नव-निर्मित कांदिवली मेट्रो स्टेशन के पास जलनिकास क्षतिग्रस्त हैं, उनकी मरम्मत की आवश्यकता है। एमएमआरडीए को मानसून से पहले काम करने के लिए सूचित किया गया था। अप्रैल में एमएमआरडीए ने मेट्रो लाइन 2A और 7 के 20 किलोमीटर के हिस्से को खोला है। प्राधिकरण शेष भाग को पूरा करने का काम कर रहा है। इसके साथ साथ मानसून के दौरान हाइवे पर कोई समस्या न आए इसकी भी जिम्मेदारी एमएमआरडीए के कंधों पर है।