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    मुंबई: पिछले कुछ महीनों से भाजपा (BJP) और मनसे (MNS) के बीच चुनावी गठजोड़ की चल रहीं अटकलें अब समाप्त हो गई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने राज्य में महानगरपालिकाओं का चुनाव (Municipal Elections) खुद की ताकत पर लड़ने का फैसला किया है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने मनसैनिकों को चुनाव तैयारियों में जुटने का आदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अब सभी चुनाव जीतने के लिए लड़ना है।

    राज्य में विभिन्न महानगरपालिका चुनावों को देखते हुए बुधवार को मनसे की राज्य स्तरीय पदाधिकारियों की बैठक बांद्रा (Bandra) स्थित एमआईजी क्लब (MIG Club) में हुई। इस बैठक में मनसे  प्रमुख राज ठाकरे ने सभी पदाधिकारियों को संबोधित किया। 

    मनसे प्रमुख ने पदाधिकारियों को दिया ‘एकला चलो’ का नारा

    उन्होंने पदाधिकारियों को आदेश दिया कि वे  गठबंधन की चर्चा में न पड़ते हुए स्वतंत्र रूप से खुद की ताकत पर लड़ने के लिए तैयारी करें। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने पदाधिकारियों को ‘एकला चलो’ का नारा दिया। उन्होंने कहा कि इस बात की चर्चा करने से कोई मतलब नहीं है कि उनका किसी के साथ चुनावी गठबंधन होगा। केवल चुनाव जीतने के लिए सभी को काम करना है।  राज्य स्तरीय बैठक में मनसे प्रमुख राज ठाकरे के अलावा मनसे नेता अमित ठाकरे, पूर्व मंत्री बाला नांदगांवकर, विधायक राजू पाटिल,पूर्व विधायक नितिन सरदेसाई, संदीप देशपांडे सहित अन्य नेता मौजूद थे। 

    चल रही थी बीजेपी से युति की चर्चा

    पिछले एक साल से भाजपा और मनसे के बीच चुनावी गठजोड़ की चर्चा चल रही थी। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, उपाध्यक्ष प्रसाद लाड सहित अन्य नेताओं की मनसे प्रमुख राज ठाकरे से भी मुलाकात भी हुई थी। भाजपा के नेता युति से इंकार कर रहे थे, लेकिन छुपी युति होने की चर्चा चल रही थी। बुधवार को मनसे की बैठक में राज ठाकरे ने स्थिति को साफ कर दिया। ठाकरे पिछले कुछ महीनों में पुणे और नाशिक का कई दौरा किया है। नाशिक में मनसे का महापौर भी रह चुका है। वर्ष 2012 के चुनाव में मनसे ने मुंबई में ताकत दिखाई थी, लेकिन 2017 के चुनाव में वह पिछड़ गयी थी। मनसे के गुट नेता दिलीप लांडे के नेतृत्व में 6 नगरसेवकों के शिवसेना में शामिल हो जाने के बाद मुंबई महानगरपालिका में मनसे का केवल एक नगरसेवक रह गया है।