Crowed on Mega Block

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  • मध्य रेलवे पर लोकल यात्री हलाकान
  • संडे को यात्रियों का मेगा हाल

नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
Motorman mass bunk: शुक्रवार को मध्य रेलवे के मोटरमैन मुरलीधर शर्मा की भायखला और सैंडहर्स्ट रोड स्टेशनों के बीच ट्रेन की चपेट में आकर हुई मौत से आहत मोटरमैनों ने रविवार को भी असहयोग आंदोलन किया। शनिवार की तरह ही रविवार को भी ज्यादातर मोटरमैनों के मास बंक (Motorman mass bunk) आंदोलन की वजह से लोकल सेवा चरमरा गई। रविवार को (वेस्टर्न, सेन्ट्रल और हार्बर तीनो रूट पर) मेगा ब्लॉक होने की वजह से जहां लोकल ट्रेनें काफी कम चल रहीं थीं, वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में मोटरमैनों के ड्यूटी पर न होने की वजह से रविवार को लोकल यात्री हलाकान हो गए। हालांकि रेल प्रशासन का कहना था कि मेगा ब्लॉक और विक्रोली स्टेशन के पास अचानक सिग्नल में खराबी होने से ट्रेनों के परिचालन में समस्या आई। देर शाम सिग्नल की समस्या को दूर कर लिया गया। उधर रविवार को घंटो तक सैकड़ों लोकल ट्रेनें न चलने से मेन लाइन पर कल्याण, ठाणे, घाटकोपर, कुर्ला व दादर स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ रही। घूमने फिरने के लिए परिवार समेत घर से बाहर निकले लोगों को निराश होना पड़ा। रविवार को मेगा ब्लॉक के साथ ट्रेनें ठप होने से यात्रियों का मेगा हाल (mega block turns into mega hall) हो गया। 

डीआरएम के आश्वासन पर माने मोटरमैन
सिग्नल बंक करने वाले मोटरमैन शर्मा की मौत के लिए यूनियन ने रेलवे के कठिन नियमों को जिम्मेदार ठहराते हुए समीक्षा की मांग की। इस संदर्भ में रविवार को सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ मुंबई मंडल के पदाधिकारियों के साथ डीआरएम एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक की। सीआरएमएस के मंडल अध्यक्ष विवेक सिसोदिया ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में काम करने वाले मोटरमैनों पर खौफ पैदा करने का काम हो रहा है। बैठक में डीआरएम ने आश्वासन दिया है कि दंड नियमों को समीक्षा के लिए रेलवे बोर्ड भेजा जाएगा। इसके अलावा तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। यूनियन का कहना था कि लोकल चलाते समय मोटरमैन कभी-कभी अनजाने में सिग्नल बंक कर देते हैं। इस दौरान लोकल ट्रेन सिग्नल के कुछ फीट आगे जाकर खड़ी होती है। इस गलती के लिए रेलवे प्रशासन की ओर से कई मोटरमैनों के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति (सीआरएस) की कार्रवाई की जाती रही है। शुक्रवार मोटरमैन शर्मा के साथ हुई वारदात से सभी मोटरमैनों को झटका लगा है। इस वजह से मध्य रेलवे के अधिकांश मोटरमैनों ने शनिवार व रविवार को भी ‘असहयोग आंदोलन’ शुरू करते हुए ‘ओवरटाइम’ करना बंद कर दिया था। डीआरएम के आश्वासन के बाद मोटरमैन काम पर लौटे लेकिन तब तक मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों की सांस फूलती हुई नजर आई। मेगा ब्लॉक के साथ साथ मोटरमैनों के असहयोग आंदोलन का असर यात्रियों पर पड़ा। मध्य रेलवे के सीपीआरओ डॉ स्वप्निल नीला ने कहा कि सभी मोटरमैन काम पर हैं, उन्होंने विक्रोली में सिग्नल खराबी का हवाला देते हुए कहा कि तकनीकी समस्या की वजह से लोकल ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ। 

मोटरमैनों की भारी कमी 
उल्लेखनीय है कि मध्य रेल पर लोकल के सुचारू संचालन के लिए 300 से ज्यादा मोटरमैनों की कमी है। मध्य रेल के कल्याण, सीएसएमटी व पनवेल डिपो के तहत कुल 776 मोटरमैन हैं, जबकि 1076 मोटरमैन की आवश्यकता है। बताया गया कि मध्य रेल के 776 मोटरमैन में से 75 से 80 लोग तो ट्रेनिंग में ही हैं। इस तरह कुल 700 मोटरमैनों पर लगभग 1900 लोकल फेरियों के रोजाना संचालन का भार रहता है।मोटरमेन यूनियन ने मुंबई मंडल पर 17 से ज्यादा सिग्नलों के सुधार की मांग भी की है, ताकि गलतियां न हो सकें। सिग्नल बंक करने के बाद मोटरमैनों पर कठोर कार्रवाई की तलवार लटकती है, जिसे लेकर वे टेंशन में रहते हैं।