ONION
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  • 551 से 750 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि
  • दिवाली में आसमान पर होगा प्याज का दाम (Onion Price) 
नासिक: ग्रीष्मकालीन प्याज की कीमत (Onion Price) की तस्वीर तब साफ हो गई जब रविवार 22 अक्टूबर को इंदौर की मंडी में प्याज 40 से 42 रुपये किलो तक बिका। विजयादशमी से पहले नासिक जिले के प्याज डिपो (Nashik Mandi) में गर्मी के प्याज के दाम ने सीमोल्लंघन (Onion Price Hike) किया। 

शनिवार 21 अक्टूबर की तुलना में सोमवार 23 अक्टूबर को एक क्विंटल की औसत कीमत 551 रुपये से 750 रुपये बढ़कर 3,680 रुपये से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई। 

 

अक्टूबर से दिसंबर तक की देश की आवश्यकता खरीफ में पूरी होती है। लेकिन इस साल भले ही देश में जरूरत के आधे से ज्यादा इलाके में प्याज लगाया गया है, लेकिन फिर भी 20 फीसदी प्याज खराब हो गया है। दक्षिण भारत में इन तीन महीनों के लिए आवश्यक प्याज क्षेत्र दो लाख हेक्टेयर तक था। अब यह क्षेत्रफल आधे से भी अधिक हो गया है। एक चरण में प्याज बाजार में आ चुका है। 

दक्षिण भारत में क्यों पैदा हुई ऐसी स्थिति? कृषि विशेषज्ञों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले चार साल से प्रकृति, बाजार भाव और सरकार ने साथ नहीं दिया। इसके चलते दक्षिण भारत में खरीफ प्याज का उत्पादन कम हो गया है। जहां एक तरफ नए लाल प्याज की खेती की यह स्थिति है, वहीं घबराहट भरी खरीदारी भी जारी है।

 
पिछले साल के अनुभव के आधार पर, बीज उत्पादक जो पिछले सप्ताह तक कीमत कम होने का इंतजार कर रहे थे, उन्होंने प्याज खरीदना शुरू कर दिया। बहुत से जमाखोर अब खरीददार बन गए हैं। 

श्रीलंका, दुबई, बांग्लादेश के आयातकों ने प्याज की खरीद पर ध्यान केंद्रित किया है। श्रीलंका में कीमत 640 डॉलर से बढ़कर 800 डॉलर प्रति टन हो गई। दुबई के लिए प्याज 760 से 770 डॉलर बिक रहा है। आयातक बांग्लादेश 750 से 760 डॉलर में प्याज खरीद रहा है। इन सभी परिस्थितियों में प्याज की अभूतपूर्व कमी के संकेत स्पष्ट होने लगे हैं। 

घरेलू मांग और उपलब्धता मेल नहीं खाती, इसलिए खरीदारों के लिए प्याज मांगने की नौबत आ गई है। इसके मुताबिक, व्यापारियों ने कहना शुरू कर दिया है कि ‘यह तो ट्रेलर है, दिवाली में पिक्चर शुरू हो जाएगी’। असल में मौसम प्रतिकूल हो रहा है। उस अर्थ में हम खरीफ के बारे में पारंपरिक तरीके से सोचते रहे हैं, लेकिन यह गलत है। 

इसलिए, कृषि विशेषज्ञ सरकार को खरीफ में उत्पादन बढ़ाने पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाल रहे हैं ताकि साल भर प्याज उपलब्ध रहे। जहां राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है, वहीं राजस्थान में किसानों की उम्मीद इस साल पूरी होने की ओर बढ़ रही है। पिछले तीन साल से राजस्थान में किसान प्याज से परेशान हैं। 
 
अब अलवर क्षेत्र में 10 नवंबर से तीन लाख टन तक प्याज का उत्पादन होने की उम्मीद है। देश की जरूरत को देखते हुए इस प्याज का उत्पादन पांच दिनों के लिए पर्याप्त होगा।  परिणामस्वरूप राजस्थान के किसान देशवासियों को यह साबित कर देंगे कि प्याज से होने वाले नुकसान की भरपाई प्याज से ही होती है। 

प्याज के दाम की स्थिती (आंकड़े औसत रुपए प्रति क्विंटल में)

  • मंडी               सोमवार                 शनिवार
  • कोल्हापुर        2600                  2800
  • मुंबई              2750                  2650
  • सातारा            2700                  2900
  • पुणे                2700                  2600
  • येवला             3750                  3150
  • लासलगांव      3950                  3200
  • विंचूर             3850                  3250
  • कलवण          3851                  3300
  • चांदवाड          3680                  3100
  • मनमाड           3700                  3000
  • पिंपलगांव        3900                  3200