Bullet Train

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    मुंबई: मुंबई (Mumbai) से अहमदाबाद (Ahmedabad) के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन (‍Bullet Train) चलाने के लिए बन रहे हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (High Speed Rail Corridor) का काम गुजरात (Gujarat) में तो तेज गति से चल रहा है, परंतु महाराष्ट्र (Maharashtra) में काम की स्पीड को ब्रेक लगा हुआ है। पीएम मोदी (PM Modi) के इस ड्रीम प्रोजेक्ट (Dream Project) का काम जापान के सहयोग से किया जा रहा है।

    गुजरात में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का काम जमीन के साथ-साथ नदियों पर भी तेजी से चल रहा है। लगभग 20 पुल नदियों पर बनाए जा रहे हैं, जिनमें दमन गंगा, नर्मदा, माही, साबरमती, तापी, कावेरी, अंबिका आदि नदियां शामिल हैं। अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर इन नदियों पर पिलर बनाकर पटरियां बिछाने का काम किया जा रहा है। जुलाई 2024 तक ये सभी पुल बनकर तैयार हो जाएंगे।

    बढ़ेगी डेडलाइन

    नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के 50 किलोमीटर के बिलिमोरा-सूरत खंड पर परीक्षण करने की समय सीमा 2026 निर्धारित की है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि परीक्षण 2027 तक बढ़ेगा। 508.17 किमी के इस प्रॉजेक्ट का 384.04 किमी हिस्सा गुजरात में,155.76 किमी हिस्सा महाराष्ट्र में और 4.3 किमी हिस्सा दादरा नगर हवेली में है। प्रॉजेक्ट को पूरा करने की शुरुआती डेडलाइन 2023 थी, लेकिन यह अब बढ़कर 2027 हो गई है। गुजरात में 99 फीसदी भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है,जिससे तेज गति से निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन महाराष्ट्र में अभी तक मात्र 68 फीसदी जमीन ही इस प्रोजेक्ट के लिए रेलवे को मिली है।

    11 बार रद्द हुआ टेंडर

    बताया गया कि राज्य में सरकार बदलने के बाद पिछले 2 वर्ष में जमीन का अधिग्रहण में रूकावट आ गई। महाराष्ट्र में बीजेपी और उद्धव सरकार के बीच राजनीतिक तनातनी का असर इस प्रोजेक्ट पर पड़ रहा है। जिसके चलते मुंबई में प्रोजेक्ट के लिए जमीन हासिल करना रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती है। बुलेट ट्रेन के मुंबई के बीकेसी में जमीन न मिल पाने से टर्मिनल बनाने का टेंडर एनएचएसआरसीएल को 11 बार रद्द करना पड़ा। अग्निहोत्री के अनुसार संसाधन की कोई कमी नहीं है। महाराष्ट्र में जैसे ही पर्याप्त मात्रा में जमीन अधिग्रहीत हो जाएगी, हम तुरंत टेंडर जारी कर देंगे।

    बढ़ सकती है परियोजना लागत

    कुल 1.08 लाख करोड़ रुपए की अनुमानित परियोजना लागत में से 72,000 करोड़ रुपए गुजरात में खर्च किए जाएंगे।  एनएचएसआरसीएल के अधिकारियों ने अनुसार, परियोजना की लागत बढ़ने की संभावना है। मुंबई-अहमदाबाद के बीच कुल 12 स्टेशन होंगे, जिनमें से 8 गुजरात में और 4 महाराष्ट्र में होंगे। गुजरात में ट्रेन एलिवेटिड, वहीं महाराष्ट्र में अंडर ग्राउंड चलेगी, महाराष्ट्र में ये ट्रेन पानी के नीचे भी चलेगी। देरी होने से लागत भी बढ़ेगी।

    जापानी राजदूत ने लिया जायजा

    बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए प्रौद्योगिकी और फंड जापानी सरकार उपलब्ध करा रही है। पिछले दिनों जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी ने परियोजना स्थलों का दौरा किया। उनके साथ एनएचएसआरसीएल के एमडी सतीश अग्निहोत्री भी उपस्थित थे। अग्निहोत्री के अनुसार, हाई स्पीड कॉरिडोर को बनाने के लिए कुल 25 कास्टिंग यार्ड बनाए जा रहे हैं, जिनमें में से 12 पहले ही बनाए जा चुके हैं। सूरत में स्थित सबसे बड़े कास्टिंग यार्ड में बड़ी-बड़ी गार्डर लॉन्चिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसी तकनीक का भारत में पहली बार इस्तेमाल हो रहा है।

    जापान ने तैयार होंगे कोच

    बुलेट ट्रेन के कोच जापान में तैयार होंगे और वहां से एयरलिफ्ट करके भारत लाए जाएंगे। कुछ कोच पुरे वहीं से तैयार होकर लाए जाएंगे, वहीं कुछ के पार्ट्स को भारत लाकर असेंबल किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद जापान इसकी तकनीक को भारत को ट्रांसफर भी करेगा।