Sanjay Nirupam
कांग्रेस नेता संजय निरुपम

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भगवती मिश्रा@नवभारत
मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट की ओर से मुंबई में उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से अमोल कीर्तीकर को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद पूर्व सांसद एवं कांग्रेसी नेता संजय निरूपम ने बगावती तेवर अपना लिया है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दे दिया है। निरुपम ने साफ-साफ कहा कि वह ‘खिचड़ी चोर’ के लिए काम नहीं करेंगे और शिवसेना के आगे कांग्रेस दब गई है। खबर है कि उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट महायुति में शिंदे गुट के पास जाने वाली है ऐसे में निरुपम शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। जिसके लिए उनकी बातचीत अशोक चव्हाण से चल रही है।

निरुपम ने कहा कि मेरे पास कई विकल्प हैं. इसके लिए दो पार्टियों से बातचीत भी चल रही है। अगर बात नहीं बनी तो वे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। राजनीतिक सूत्र बताते है कि निरुपम अपने पुराने सहयोगी एवं भाजपा के राज्यसभा सांसद अशोक चव्हाण के माध्यम से शिवसेना (शिंदे गुट) में जाने की तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट शिंदे गुट के खाते में जाने की संभावना दिख रही है। इसी कारण निरुपम अपनी चुनावी सफर को आसान बनाने की तैयारी कर रहे है। बताया जा रहा है कि निरुपम भाजपा और शिंदे गुट के बीच भी आपसी तालमेल बैठाने का प्रयास कर रहे है। इसके लिए अशोक चव्हाण मध्यस्थता की भूमिका निभा रहे है और चव्हाण-निरुपम के बीच दो दौर की बातचीत भी हो चुकी हैं।

कांग्रेस को गठबंधन तोड़ने की दी चुनौती
निरुपम ने कहा कि जब मध्यस्थता करने वाली टीम की ही बात नहीं सुनी गई तो जाहिर सी बात है कि हम सब फेल हो गए हैं। शिवसेना (यूबीटी) को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए। इससे कांग्रेस का नुकसान है। मैं कांग्रेस से कहना चाहता हूं कि आप भी इस मामले पर संज्ञान लीजिए नहीं तो गठबंधन तोड़िए, लेकिन आप शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन करके पार्टी को हमेशा के लिए खत्म कर रहे हैं। इसका असर महाराष्ट्र ही नहीं महाराष्ट्र के बाहर भी पड़ेगा।

निरुपम की राजनीतिक डगर
संजय निरुपम राजनीतिज्ञ बनने से पहले पेशे से पत्रकार थे। 5 साल जनसत्ता के मुंबई संस्करण में काम करने के बाद निरुपम ने 1993 में शिवसेना के मुखपत्र ‘दोपहर का सामना’ में कार्यकारी संपादक के रूप में नौकरी कर रहे थे। 1996 में निरुपम शिवसेना के टिकट पर राज्यसभा पहुंचे। यहीं से निरुपम का राजनीतिक करियर शुरू हुआ। निरुपम 1996 से 2006 तक राज्यसभा सदस्य रहे। 2005 में निरुपम शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। 2009 में कांग्रेस के टिकट पर निरुपम मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से सांसद बनकर संसद में पहुंचे। इस सीट से पहले गोविंदा सांसद थे।

मोदी लहर में डूब गई थी नैया
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के गोपाल शेट्टी ने कांग्रेस के संजय निरुपम को बहुत बुरी तरह से हराया था। शेट्टी को जहां 6,64,004 वोट मिले तो वहीं मौजूदा सांसद निरुपम को सिर्फ 2,17,422 वोट ही मिले थे। मुंबई उत्तर लोकसभा सीट में उत्तर भारतीयों का बड़ा वोट बैंक भी निरुपम के काम न आ सका था।

2019 में उत्तर पश्चिम सीट का परिणाम
दल उम्मीदवार वोट
शिवसेना गजानन कीर्तिकर 5,70,063
कांग्रेस संजय निरुपम 3,09,735
वीबीए सुरेश शेट्टी 23,367
नोटा कोई नहीं 18,225