मुंबई: मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे (Sanjay Pandey) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीबीआई (CBI) ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में एफआईआर दर्ज किया है। सीबीआई ने पहले इसी मामले में पांडे से पूछताछ की थी। सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, मुंबई के पुलिस कमिश्नर के पद पर कार्यरत रहने के दौरान संजय पांडे से महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ अपनी शिकायत वापस लेने के लिए मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को प्रभावित करने की कोशिश की थी। इस मामले में सीबीआई ने 12 मार्च को पांडे से करीब 6 घंटे तक पूछताछ की थी। 30 जून को पांडे मुंबई के पुलिस कमिश्नर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
मंगलवार को संजय पांडे ने ईडी के दिल्ली कार्यालय में पेश हुए। उनसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को-लोकेशन घोटाले में कई घंटे पूछताछ की गई। 2 जुलाई को ईडी ने इस मामले में पांडे को समन जारी किया था और उन्हें 5 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया था। 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय पांडे का मुंबई पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यकाल काफी विवादों में रहा। वह 30 जून को ही सेवानिवृत्त हुए थे।
खुद की कंपनी से कराया ऑडिट
पांडे ने चित्रा रामकृष्ण मामले में एक ऑडिट कंपनी तैयार की थी। यह कंपनी पांडेय की ही थी। अधिकारियों ने बताया कि संजय पांडे से पूछताछ उनकी कंपनी आईसेक सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड के कामकाज और गतिविधियों से संबंधित की गई। ईडी इस मामले में एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण का बयान पहले ही दर्ज कर चुकी है। चित्रा फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। सीबीआई ने मार्च में चित्रा और समूह के पूर्व संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम को एनएसई को-लोकेशन घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था।