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    मुंबई: शिवसेना सांसद संजय राउत को बड़ा झटका लगा है। राउत के जितेंद्र नवलानी (Jitendra Navlani) और ईडी (ED) अधिकारियों के फिरौती मांगने के आरोपों की जांच के लिए मुंबई पुलिस की गठित विशेष जांच दल (SIT) को बर्खास्त कर दिया गया है। मुंबई पुलिस ने बांबे हाई कोर्ट (Bombay High Court) को यह जानकारी दी है।

    बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायाधीश नितिन बोरकर की खंडपीठ के समक्ष नवलानी और ईडी की दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान मुंबई पुलिस ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि उन्होंने एसआईटी को बर्खास्त कर दिया है, क्योंकि पहले से ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) इस मामले की जांच कर रहा है।  

    वसूली का रैकेट चलाने का आरोप  

    संजय राउत ने आरोप लगाया था कि दक्षिण मुंबई के व्यवसायी और बार के मालिक जितेंद्र नवलानी ईडी के तीन अधिकारियों के साथ मिल कर शहर के व्यापारियों से वसूली रैकेट चला रहे हैं। शिवसेना के पूर्व नगरसेवक अरविंद भोसले ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में शिकायत की।

    तत्कालीन गृह मंत्री ने की थी एसआईटी के गठन की घोषणा

    ईओडब्ल्यू ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। तत्कालीन गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने अप्रैल में खुद राउत के लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एसआईटी के गठन की घोषणा की थी। मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर संजय पांडे एसआईटी की जांच की निगरानी कर रहे थे।

    एसआईटी ने कई व्यवसायियों से की पूछताछ

    एसआईटी ने कई लोगों के बयान दर्ज किए थे और कई बैंक खातों और सीडीआर की भी जांच की थी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि ईडी की जांच किए गए कई व्यवसायियों से एसआईटी ने पूछताछ की थी।