Sharad Pawar
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    मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने केंद्र और राज्य सरकार को ओपन चैलेंज (Open Challenge) देते हुए कहा है कि यदि पत्रा चाल पुनर्विकास घोटाला (Patra Chawl Scam) में मेरे खिलाफ कोई सबूत है तो वे इसकी जांच करा सकते हैं। साथ ही उन्होंने पूछा है कि अगर दावा झूठा निकलता है तो राज्य सरकार को घोषणा करनी चाहिए कि वह आरोप लगाने वालों के खिलाफ क्या एक्शन लेगी। 

    बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने पत्रा चाल पुनर्विकास घोटाले में शरद पवार के शामिल होने का आरोप लगाते हुए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने दावा किया है कि इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जो  चार्ज शीट दाखिल की है, उसमें शरद पवार का भी नाम है। 

    शरद पवार का पलटवार

    अब इस आरोप के बाद पवार ने पलटवार करते हुए कहा है कि मैं पूछताछ के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मीटिंग की जानकारी अधिकारियों द्वारा मीडिया को लीक की जा रही है और फिर मीडिया के जरिए कहा जा रहा है कि मेरा नाम ईडी की चार्ज शीट में शामिल है। पवार ने कहा कि पुरानी मीटिंग के सभी पक्षों को साफ़ तरीके से रखा गया है। ऐसे में इसमें मेरे नाम को घसीटना उचित नहीं है।

    क्या बैठकों के जरिए संवाद करना गलत है!  

    इस मौके पर पूर्व आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने पत्राचाल परियोजना के बारे में मीडिया को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उस समय हुई बैठक का पूरा ब्यौरा मीडिया के समक्ष रखा और साथ ही आवास विभाग के मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र को पेश किया। आव्हाड ने विभिन्न बैठकों का जिक्र करते हुए सवाल किया कि क्या बीच का रास्ता अपनाना और बैठकों के जरिए संवाद करना गलत है। उन्होंने कहा कि हम जांच के खिलाफ नहीं हैं। आव्हाड ने कहा कि मैं 1990 से आज तक गवाह हूं। उन्होंने  आरोप लगाने वालों पर जवाबी  हमला करते हुए कहा कि इस तरह के आधारहीन आरोप से कुछ होने वाला नहीं  है। शरद पवार महाराष्ट्र का दिल हैं और इस तरह के आरोप से लोगों के बीच उनका सम्मान कम नहीं होने वाला है। आव्हाड ने कहा कि बीजेपी,  एनसीपी अध्यक्ष को बदनाम करने की साजिश रच रही है, लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं होंगे।

     म्हाडा की बैठक में शरद पवार क्यों?

    महाराष्ट्र बीजेपी ने एक ट्वीट कर कहा है कि शरद पवार को पत्राचाल के 700 से अधिक बेघर मराठी परिवारों को यह बताना चाहिए कि आखिर बतौर केंद्रीय कृषि मंत्री वे म्हाडा अधिकारियों की बैठक में क्या कर रहे थे।  अतुल भातखलकर का दावा है कि पत्राचाल पुनर्विकास को लेकर तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार और तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख की अध्यक्षता में साल 2006-07 में दो बैठकें हुई थी। इस बैठक में संजय राउत, म्हाडा के अधिकारी और अन्य शामिल थे।