अयोग्यता की सुनवाई में हो रहा है टाइम पास! सुप्रीम कोर्ट ने राहुल नार्वेकर से मांगा जवाब

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दिल्ली/ मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की सुनवाई में हो रही देरी को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से कहा है कि वे दो सप्ताह के भीतर बताएं कि अब तक उन्होंने क्या किया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने उखड़ते हुए कहा कि इस मामले को अनिश्चितकाल तक नहीं खींचा जा सकता है। महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष को विधायकों की अयोग्यता पर फैसला करना ही होगा और कोर्ट की गरिमा का पालन करना होगा। पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16  विधायकों की अयोग्यता पर जल्द फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनका आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में फैसला लेने में देरी कर रहे हैं।

उच्चतम न्यायालय ने मांगा टाइम लाइन
सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा है कि वे बताएं कि 11 मई से अब तक उन्होंने क्या किया है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष की ओर से उनका पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि स्पीकर एक संवैधानिक पदाधिकारी है। किसी अन्य संवैधानिक न्यायालय के समक्ष उनकी स्थिति को इस तरह उठाया नहीं जा सकता। स्पीकर के साथ ऐसा इसक तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता है।

इस मामले में कुछ हुआ ही नहीं
सीजेआई ने कहा कि पूरे मामले को देख कर ऐसा लगता है कि इसमें अब तक कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मामले को अभी तक निपटारा हो जाना चाहिए था। एसजी  मेहता ने कहा कि स्पीकर कानून के मुताबिक कार्यवाही करेंगे और सुनवाई करेंगे। किसने गुट ने जवाब दिया और किसने नहीं दिया. ये उनके बीच का मसला है।

क्या यह तमाशा है !  
ठाकरे गुट की ओर से सीनियर अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस फैसले को लेने में हो रही देरी को लेकर तल्ख़ दलील देते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से खुद नोटिस जारी नहीं हुआ। क्या यह तमाशा चल रहा है? उन्होंने कहा कि क्या इस मामले में दसवीं अनुसूची को भी दरकिनार किया जा रहा है। तीन बार आवेदन दायर करने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। फिर हमने 4 जुलाई को याचिका दाखिल की और 14 जुलाई को नोटिस जारी किया गया है।

4 महीने बाद भी कोई कार्यवाही नहीं
 उद्धव ठाकरे गुट के सांसद अनिल देसाई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 11 मई को जारी अपने फैसले के अनुसार यह तय किया गया था कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष अयोग्यता  के संबंध में निर्णय लेंगे. चार महीने बाद भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। अदालत इसका इंतजार करती रही। लेकिन अब ज्यादा समय लिए बिना इस पर कार्यवाही शुरू होनी चाहिए।
 
पीठ ने क्या कहा
56 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर शिंदे और ठाकरे गुट द्वारा एक -दूसरे के खिलाफ दायर कुल 34 याचिकाएं लंबित हैं। इन याचिकाओं को एक सप्ताह के अन्दर स्पीकर के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए, जिस पर स्पीकर को रिकॉर्ड पूरा करने और सुनवाई के लिए समय निर्धारित करने के लिए निर्देश जारी करना होगा।

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष की प्रक्रिया
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति अभी तक नहीं मिली है। अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई  शुरू हो गई है और उचित समय पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि स्पीकर एक संवैधानिक पद है और अदालत उसके कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।

जानबूझ कर देरी
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र विधानसभा  अध्यक्ष पर विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह निष्क्रियता दिखाती है कि नार्वेकर “असंवैधानिक” सरकार का समर्थन कर रहे हैं। राउत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी राजनीतिक दल के कुछ विधायकों के दूसरे दल में जाने का मतलब पार्टी का  टूटना नहीं है।