बागियों को उद्धव ठाकरे ने कहा- ‘सड़े पत्ते’, शिंदे गुट का पलटवार

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    मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Shiv Sena President Uddhav Thackeray) ने बागियों पर अपनी भड़ास निकालते हुए उन्हें ‘सड़े पत्ते’ करार दिया है। पार्टी के मुखपत्र को दिए गए विस्फोटक इंटरव्यू (Interview) में उन्होंने कहा कि सूखे और सड़े पत्तों का पेड़ से गिर जाना ही बेहतर होता है। जब यह सूखे पत्ते जमीन पर आ जाते हैं तो उन्हें अपनी असलियत का पता चल जाता है। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि इसी तरह अगर बागी विधायक (Rebels MLAs) चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें पता चल जाएगा कि लोग किसका समर्थन करते हैं। 

    उन्होंने सीएम निवास ‘वर्षा’ को याद करते हुए कहा कि उस परिसर में  गुलमोहर और बादाम के दो वृक्ष हैं। ठाकरे ने कहा कि पिछले एक-दो वर्षों मैंने देखा कि पतझड़ के दौरान इनके पत्ते गिर गए और केवल टहनियां रह गई। ऐसा लगता है कि अब इन वृक्ष का क्या होगा, लेकिन फिर से इसमें नए पत्ते आते हैं और माहौल बदल जाता है। उन्होंने कहा कि शिवसेना रूपी वृक्ष से भले ही कुछ पत्ते झड़ गए हैं, लेकिन फिर से इसमें नए पत्ते आएंगे और पार्टी मजबूत होगी। इसलिए जो सड़े हुए पत्ते होते हैं, उन्हें झड़ना ही चाहिए।

    मेरी खराब तबीयत का फायदा उठाया

    उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब मेरा ऑपरेशन हुआ था तो कुछ लोग मेरे जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे, जबकि कुछ की चाहत थी कि मैं ऐसा ही रहूं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों ने मेरी खराब तबीयत का फायदा उठा कर बगावत की साजिश रची। ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोगों पर मैंने जरूरत से ज्यादा भरोसा किया। यही मेरी सबसे बड़ी गलती थी। उन्होंने भावुक अंदाज में कहा कि जब मैं जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा था तो उस समय मेरे ही लोग षड्यंत्र करने में शामिल थे।  

    मां को निगलने वाली संतान

    उद्धव ठाकरे ने शिंदे गुट पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि ये लोग अपनी मां को निगलने वाली संतान हैं। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में इन नेताओं का जन्म हुआ, मान-सम्मान मिला, बागी विधायकों ने उसी मां समान पार्टी के साथ विश्वासघात करने का काम किया है। उद्धव ने कहा कि वफादारी बेचने की चीज नहीं होती है, लेकिन आज उसका भी सौदा किया गया है।

    शिवसेना प्रमुख के नाम का इस्तेमाल क्यों !

    उद्धव ने शिंदे को खुली चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें मेरे पिता (शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे) के नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों को इस्तीफा देकर अपने पिता के नाम पर वोट मांगना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि बीजेपी को भी शिवसेना प्रमुख के नाम लेने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा शिवसेना में हुई बगावत की पूरी स्क्रिप्ट बीजेपी ने लिखी है। ठाकरे ने कहा कि बीजेपी, शिवसेना को खत्म करना चाहती है, लेकिन मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।

    क्या उद्धव बनेंगे शिवसेना प्रमुख !

    शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट ने उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए पूछा है कि क्या आप शिवसेना प्रमुख बनेंगे। उन्होंने चैलेंज करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे कभी शिवसेना प्रमुख नहीं बन सकते हैं। शिरसाट ने कहा कि हमारे दिल में शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के प्रति बहुत सम्मान है। उन्होंने कहा कि अब कोई भी शिवसेना प्रमुख का स्थान नहीं ले सकता है। शिरसाट ने उद्धव के उन आरोपों को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि बीमारी के दौरान बगावत की साजिश रची गई थी। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे जब बीमार थे तो उस समय कोई बैठक नहीं हुई थी। शिरसाट ने कहा कि जब उद्धव बीमार थे तो उन्होंने सेहत में सुधार के लिए यज्ञ किया था।

    देखें इंटरव्यू वीडियो:

    मुझे लगता है कि आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री के बारे में निम्न स्तर की बात कर रहे हैं। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे किसी की निजी संपत्ति नहीं हैं। जिस तरह से ठाकरे परिवार ने छत्रपति शिवाजी के नाम पर अधिकार जमाया है। ऐसे में उन पर भी शिवाजी के नाम का इस्तेमाल करने पर सवाल खड़े किए जाने चाहिए।

    -प्रवीण दरेकर, बीजेपी विधायक