ओमीक्रोन को रोकने वाली वैक्सीन पुणे में हो रही तैयार, पढ़े पूरी डिटेल

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    मुंबई: इंडिया के पास अभी तक दी जाने वाली दो ऐसी वैक्सीन है जो कोरोना (Corona) को रोकने में मददगार साबित हो रही है, पर अब ऐसी वैक्सीन (Vaccine) विकसित की जा रही है जो इसके ओमीक्रोन वेरिएंट  (Omicron Variants) को टारगेट कर बनाई जा रही है। वास्तव में यह वैक्सीन तैयार भी हो गई है। पर इसे मंजूरी मिलने का इंतजार है। माना जा रहा है कि mRNA प्लेटफॉर्म पर तैयार की गई कोरोना से निपटने वाली यह वैक्सीन देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी।

    रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन पर जल्दी ही स्वदेशी वैक्सीन आ रही है जो ओमीक्रोन से निजात पाने के लिए काफी कारगर होगी। गौरतलब है कि डेल्टा वेरिएंट के बाद ओमीक्रोन वेरिएंट ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया हुआ है क्योंकि यह काफी तेजी से फ़ैल रहा है और इसके चपेट में सभी आ रहे हैं जो अब तक पहली दो लहरों में बच गए थे।

    डेटा केंद्र सरकार को भेजा गया

    जानकारी के अनुसार, डेल्टा से काफी तेजी से फैलने वाले इस वेरिएंट से निपटने के लिए पुणे की एक फार्मास्यूटिकल कंपनी यह वैक्सीन तैयार कर रही है। जीनोवा बायोफार्मास्यूटिकल नाम की इस कंपनी का रिसर्च अपने तीसरे चरण पर पहुंच गया है और इस कंपनी ने एमआरएनए वैक्सीन तैयार कर ली है और बस इसे मंजूरी मिलने का इंतजार है। अंतर्राष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रख कर तैयार इस स्वदेशी वैक्सीन के रिसर्च के दूसरे चरण का डेटा केंद्र सरकार की नियामक संस्था को दे दिया गया है। अब इस कंपनी को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की ओर से मंजूरी मिलने का इंतजार है। यह संस्था जल्दी ही कंपनी द्वारा तैयार किए फार्मूले का रिव्यू कर अपनी मंजूरी देगी।

    दो डोज की टेस्टिंग 3,000 लोगों पर

    सार्स कोविड-2 वायरस के डेल्टा वेरिएंट को लेकर यह mRNA वैक्सीन विकसित की गई है और दूसरे चरण के रिसर्च के दौरान इसकी दो डोज की टेस्टिंग 3,000 लोगों पर की गई है। अब टेस्टिंग का थर्ड फेज शुरू होने वाला है। कंपनी ने फिलहाल इसका जरूरत भर उत्पादन शुरू कर दिया है। एक बार मंजूरी मिल जाए तो पूरी तरह से उत्पादन शुरू हो पाएगा। 

    वैक्सीन देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी

    फिलहाल कंपनी इसका तेजी से उत्पादन इसलिए नहीं कर रही है क्योंकि इससे वैक्सीन के खराब होने का खतरा है। इसीलिए मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। माना जा रहां है कि मंजूरी मिलने के बाद  mRNA प्लेटफॉर्म पर तैयार की गई कोरोना से निपटने वाली यह वैक्सीन देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी। इसके बाद कंपनी के पास सीधे ओमीक्रोन को टारगेट करने वाली वैक्सीन भी तैयार है। पहले इसकी मंजूरी मिल जाए फिर उसकी टेस्टिंग भी शुरू कर दी जाएगी।

    कैसे काम करती है यह वैक्सीन

    मैसेंजर आरएनए या mRNA टेक्नोलॉजी में इम्यून रिस्पांस को बढ़ाने के लिए वायरस के जेनेटिक कोड (RNA) के एक छोटे से हिस्से को शरीर में प्रवेश कराया जाता है। ये कोरोना वायरस के एक हिस्से की नकल करते हैं और इससे इम्यून सिस्टम सक्रिय हो जाता है। वैक्सीन में कोई वास्तविक वायरस शामिल नहीं होता है। जिनोवा ने अमेरिका के एचडीटी बायोटेक कॉरपोरेशन के साथ मिलकर एमआरएनए वैक्सीन (एजीसीओ19) विकसित की है, जो रोडेंड और नॉन ह्यूमन मॉडल्स में सुरक्षित, एंटीबॉडी न्यूट्रलाइजेशन में सक्षम साबित हुई है।