Fake Notes
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    नागपुर. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सुपारी कारोबारियों पर की गई कार्रवाई की आंच पूरे सिंडिकेट तक पहुंची है. सूत्रों ने बताया कि इंडोनेशियाई सुपारी के आपूर्तिकर्ताओं, कमीशन एजेंटों, रसीद प्रदाताओं, ट्रांसपोर्टरों, हवाला ऑपरेटरों और खरीदारों का एक सुव्यवस्थित सिंडिकेट था, जिसे इस छापेमारी ने उजागर किया है.

    सिंडिकेट भारत-म्यांमार सीमा के माध्यम से भारत में इंडोनेशियाई सुपारी की तस्करी में लिप्त थे. ईडी ने पाल्म 2002 के तहत मुंबई और नागपुर में 17 परिसरों की तलाशी ली है जिसमें इंडोनेशियाई मूल के सुपारी की तस्करी में शामिल विभिन्न व्यक्तियों के कार्यालय और आवासीय परिसर शामिल हैं.

    सुपारी की तस्करी ज्यादातर भारत-म्यांमार सीमा के माध्यम से की जाती है. ईडी की तलाशी के दौरान पीएमएलए के तहत लगभग 11.5 करोड़ रुपये मूल्य की 289.57 मीट्रिक टन सुपारी की बड़ी खेप जब्त की गई है. ईडी ने 16.5 लाख रुपये नकद और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए हैं. ईडी की जांच में पता चला है कि इंडोनेशियाई सुपारी के आपूर्तिकर्ताओं, कमीशन एजेंटों, रसद प्रदाताओं, ट्रांसपोर्टरों, हवाला ऑपरेटरों और खरीदारों का एक सुव्यवस्थित सिंडिकेट है जो मिलजुलकर सरकार को भी चूना लगाने का काम कर रहा था.

    टैक्स बचाने के लिए पूरा तंत्र तैयार किया गया था और प्रति माह सरकार को सैकड़ों करोड़ का चूना भी लगा रहा था. ईडी इस बात की भी जांच कर रही है कि इस कार्य में किन-किन विभागों का भी सहयोग मिल रहा था क्योंकि बिना सहयोग के लिए इतने बड़े पैमाने पर कार्य को आगे बढ़ाना संभव नहीं था.