Mayo Hospital

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नागपुर. इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में गंदगी गंभीर समस्या बन गई है. ड्रेनेज लाइन पुरानी होने से अक्सर बदबू का सामना करना पड़ता है. इस समस्या के समाधान के लिए मेयो प्रशासन ने 5 करोड़ रुपये खर्च कर 3 एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) तैयार करने का निर्णय लिया है. ड्रेनेज के लिए नई पाइप लाइन बिछाई जाएगी. इसके लिए निविदा प्रक्रिया पूर्ण होते आ गई है. अगले 1-2 महीने में काम की शुरुआत हो जाएगी. हर वर्ष बारिश में मेयो परिसर में पानी जमा हो जाता है.

पिछले दिनों तेज बारिश के बाद हॉस्टल सहित जगह पानी भर गया था. वहीं पुराने वार्ड भी है जहां वर्षों से ड्रेनेज लाइन नहीं बदली गई है. इससे न केवल मरीज व परिजन बल्कि छात्रों व निवासी डॉक्टरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ‘जवाहर’ और ‘सुभाष’ हॉस्टल में तो वर्षों से समस्या बनी हुई है. कई जगह लाइन चोक हो गई है. बार-बार दुरुस्ती कर काम चलाया जा रहा है.

परिसर की कुछ लाइन को मेयो से लगे एक नाले से भी जोड़ा गया था. अब उस जगह पर कुछ मकान बन गये हैं. इस वजह से अधिक दिक्कतें आती हैं. पानी जमा होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है. इससे भी छात्रों ने कई बार शिकायत की. इस संबंध में मनपा को ड्रेनेज की व्यवस्था करने के लिए अवगत कराया गया. 

निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में 

मेयो अस्पताल से संबंधित सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के कार्यालय के पास से ड्रेनेज लाइन का प्रारूप तैयार किया गया है. 5 करोड़ की इस योजना के प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई है. निर्माण कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी की जा रही है. योजना के अंतर्गत 3 मलनिस्सारण प्रक्रिया प्रकल्प तैयार किये जाएंगे. इसमें दूषित पानी को स्वच्छ किया जाएगा.

इस पानी को दोबारा उपयोग के लायक बनाया जाएगा. इस पानी को पेड़ों सहित अन्य निर्माण कार्य में उपयोग किया जा सकेगा. वहीं बचा हुए दूषित और बारिश के पानी के लिए नई लाइन डाली जाएगी. आने वाले कुछ दिनों में पानी जमा होने की समस्या से निजात मिल सकेगी.