Stray Dogs
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    • 8,301 कुत्तों की नसबंदी
    • 5 वर्षों में अलग-अलग संगठनों को ठेका

    नागपुर. आवारा कुत्तों को लेकर कभी पशु प्रेमी, कभी सुप्रीम कोर्ट तो कभी हाई कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर कार्यवाही स्थगित की जाती रही है. शहरवासियों को सेवाएं देने के नाम पर अब तक इस संदर्भ में केवल दिखावा ही होता रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिटी में 1 लाख से अधिक आवारा कुत्ते होने के बावजूद 5 वर्षों में केवल 8,301 की ही नसबंदी हो सकी है. इतने ही कुत्तों की नसबंदी के लिए अब तक 82,12,094 रुपए खर्च किए जा चुके हैं.

    सामाजिक कार्यकर्ता सचिन खोबरागडे द्वारा सूचना के अधिकार के तहत ली गई जानकारी के अनुसार इन 5 वर्षों में अलग-अलग 3 संगठनों को नसबंदी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इनमें से 2 निजी संस्थाओं ने तो अच्छा कार्य किया लेकिन पशु वैद्यकीय महाविद्यालय द्वारा इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया. प्रशासन की लचर कार्य प्रणाली के चलते ही लोगों को आवारा कुत्तों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है. 

    58,000 लोगों को काटा 

    सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2016-17 के बाद से अब तक कुल 58,024 लोग कुत्तों के काटने के शिकार हो चुके हैं जिसके चलते प्रशासन को 1,51,358 एंटी रेबीज के इंजेक्शन देना पड़ा है. हालांकि प्रशासन द्वारा इन कुत्तों के काटने के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के रूप में कितनी राशि अदा की गई, इसका लेखा-जोखा भी मांगा गया किंतु प्रशासन ने नहीं दिया. हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील की ओर से पीड़ितों को मुआवजा देने के आदेश मनपा को देने का अनुरोध किया गया था लेकिन अब तक कितने लोगों को मुआवजा दिया गया, इसका खुलासा नहीं किया गया है. 

    5 वर्ष पूर्व हुआ था सर्वे

    उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट में जनहित याचिका पर दिए गए आदेश के चलते मनपा ने वर्ष 2017 में कुत्तों का सर्वे कराया था. 5 माह तक सर्वे जारी रहा जिसके अनुसार सिटी में उस समय कुल 81,188 कुत्तों के होने का आंकड़ा उजागर हुआ था. इनमें से भी 71,185 कुत्ते आवारा होने की जानकारी उजागर की गई है. 5 वर्ष पूर्व कुत्तों की संख्या यदि इतनी रही है तो वर्तमान में इनकी संख्या के चलते आतंक का अंदाजा लगाया जा सकता है. प्रशासन का मानना है कि अब तक अदालतों ने दिए निर्देशों के अनुसार कार्यवाही होती रही है. 

    वैक्सीनेशन पर इस तरह खर्च

    संस्था :- सोसाइटी फॉर एनिमल प्रोटेक्शन, कोल्हापुर

    वर्ष वैक्सीनेशन खर्च

    2015-16 2,836 15,00,244 रु.

    संस्था :- पशु वैद्यकीय महाविद्यालय, सेमिनरी हिल्स

    2016-18 137 89,050 रु.

    संस्था :- व्हेट्स फॉर एनिमल, सातारा

    2019-20 8,301 66,22,800 रु.