Objection on survey of health workers, citizens cut names from registration book
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    • 436 कर्मचारी हैं कार्यरत
    • 862 आशा वर्कर्स भी हैं

    नागपुर. कोरोना काल में लगातार सेवाएं दे रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों को विशेष भत्ता देने के लिए शुक्रवार को मनपा की स्थायी समिति द्वारा 90 लाख के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई. यह जानकारी स्थायी समिति सभापति प्रकाश भोयर ने दी. उन्होंने कहा कि कुल 436 कर्मचारी और 862 आशा वर्कर्स को 6 माह का भत्ता प्रदान किया जाएगा. 6 माह से उनका भत्ता अटका हुआ था. 

    तीसरी लहर कमजोर, 40 डॉक्टर होंगे कम

    शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्थायी समिति के समक्ष 2 प्रस्ताव रखे गए. एक प्रस्ताव में स्वास्थ्य कर्मचारी और आशा वर्कर्स को भत्ता देने के लिए 90 लाख की मंजूरी का विषय था. जबकि दूसरे प्रस्ताव में कोरोना से निपटने के लिए नियुक्त किए गए डॉक्टर्स और नर्सों की सेवाओं को जारी रखने और इसके लिए भुगतान को मंजूरी देना था. स्थायी समिति की ओर से पहले प्रस्ताव को यथावह मंजूरी प्रदान कर दिया. जबकि दूसरे प्रस्ताव में कोरोना की तीसरी लहर अब कमजोर पड़ने के कारण पहले से नियुक्त डॉक्टर और नर्सों की संख्या कम करने की हिदायत दी. स्थायी समिति द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार मनपा में अस्थायी तौर पर नियुक्त 47 डॉक्टरों में से केवल 7 डॉक्टर्स की सेवाओं को जारी रखने को कहा गया है. इसी तरह से 186 नर्सों में से केवल 133 की सेवाएं जारी रखने के निर्देश विभाग को दिए गए हैं.

    जितने कर्मचारी, उतना ही भुगतान

    स्वास्थ्य कर्मचारियों की ओर से 47 डॉक्टर्स और 186 नर्सों की सेवाएं अगले 3 माह तक जारी रखने के लिए कुल 5.78 करोड़ की आवश्यकता होने की जानकारी स्थायी समिति को दी थी. किंतु स्थायी समिति की ओर से स्पष्ट किया गया कि चूंकि अब डॉक्टर्स और नर्सों की संख्या कम हुई है. अत: जितने कर्मचारियों की सेवाएं ली जाएगी. उसके अनुसार ही भुगतान की निधि को मंजूरी प्रदान की गई है. बताया जाता है कि डॉक्टर्स को प्रति माह 1 लाख रु. के अनुसार भुगतान किया जाता था. जिसमें से 60 हजार रु. सरकार तथा 40 हजार रु. मनपा की ओर से देना है. इसी तरह से नर्सों को 20 हजार रु. सरकार तथा 5 हजार रु. ही महानगरपालिका की ओर से देना है. 

    35 PHC पर अधिकांश कार्यरत

    बताया जाता है कि मनपा की ओर से कुल 35 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन किया जाता है. इन सभी पीएचसी पर अलग-अलग कार्य के लिए अस्थायी स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. अस्थायी स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा इन पीएचसी पर ओपीडी की जिम्मेदारी निभाई जाती है. इसके अलावा वैक्सीनेशन अभियान में भी इनका योगदान है. यहां तक कि घर-घर जाकर कोरोना पर जनजागृति तथा घर-घर जाकर वैक्सीनेशन जैसे अभियान के लिए रैपिड रिस्पांस टीम में इन कर्मचारियों को लगाया गया है.