Sontu Jain
ठग क्रिकेट बुकी अनंत उर्फ सोंटू जैन

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नागपुर: गेमिंग एप्लीकेशन के जरिए जुआरियों को चूना लगाने वाले (Nagpur Online Fraud ) ठग सट्टेबाज अनंत उर्फ सोंटू नवरतन जैन (Sontu Jain) की अंतरिम जमानत याचिका मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने मंगलवार (26 सितंबर) को रद्द कर दी। बताया जा रहा है कि कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी पूर्व अंतरिम जमानत रद्द होते ही सोंटू जैन नागपुर से फरार हो गया है। 

इससे पहले अदालत ने सोंटू को जमानत दी थी। हालांकि अब उसके द्वारा किये गए धोखाधड़ी के तार विदेशों तक फैले होने तथा मामले की सघन जांच के लिए याचिकाकर्ता की पुलिस हिरासत जरूरी होने का हवाला देते हुए न्यायाधीश महेन्द्र चांदवानी ने जमानत देने से साफ इनकार कर दिया। 

सोंटू जैन द्वारा किये गए ऑनलाइन गेमिंग धोखाधड़ी मामले में अब नया खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि सिर्फ दो नहीं बल्कि 55 बैंक खातों का इस्तेमाल इन पैसों के लिए किया गया था। इसमें उनके नौकर, घरेलू नौकर, मजदूर, जूते बनाने वाले जैसे कई गरीबों के बैंक खातों का इस्तेमाल किये जाने खुलासा हुआ है। यह भी सामने आया कि सोंटू जैन ने इन 55 खातों से करोड़ों की रकम उड़ाकर जांच एजेंसियों को गुमराह किया है। 

जारी हुआ था लुकआउट सर्कुलर

बताया जाता है कि पुलिस की ओर से सोंटू के खिलाफ पहले ही लुकआउट सर्कुलर नोटिस जारी किया गया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार से मदद भी मांगी गई थी। पुलिस की ओर से छानबीन के दौरान सोंटू के करीबी 7 लोगों के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं। सोंटू के परिवार का गोंदिया में कपड़े का व्यापार है। करीब 3 वर्ष पहले उसने सट्टेबाजी का धंधा शुरू किया था। आईटी इंजीनियरों की मदद से डायमंड एक्सचेंज डाट कॉम नामक वेबसाइट तैयार की। इसी वेबसाइट के जरिए कई लोगों को चूना लगाया। नागपुर के व्यवसायी विक्रम अग्रवाल को सोंटू ने 58 करोड़ का चूना लगाया था। यहां तक कि हाल ही में उसका पासपोर्ट भी जब्त किया गया।

नहीं मिल रहा सहयोग

वहीं, आज इस मामले में सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष की ओर से बताया गया कि याचिकाकर्ता भले ही सहयोग का आश्वासन दे रहा हो लेकिन वास्तविक रूप में मामले को पेचिदा करने की दिशा में बयान दिए जा रहे है। इस मामले में कई बड़ी मछलियां शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। चूंकि पूरा रैकेट दुबई में बैठकर चलाया जा रहा था अत: अंतरराष्ट्रीय स्तर तक इसका असर हो सकता है। ऐसे में मुख्य अभियुक्त यदि हिरासत में आ जाए तो पुलिस गहराई से पूछताछ कर इसके तह तक जा सकेगी। 

यह है मामला 

उल्लेखनीय है कि अनंत उर्फ सोंटू जैन ने विक्रांत अग्रवाल नाम के कारोबारी से ऑनलाइन गेमिंग में 58 करोड़ रुपये की ठगी की थी। वहीं, विक्रांत अग्रवाल ने 21 जुलाई को नागपुर पुलिस में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने गोंदिया स्थित सोंटू के आवास पर छापामारी कर 16.90 करोड़ रुपये नकद, 14 किलो सोना और 294 किलो चांदी तो जब्त की थी। साथ ही पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला भी दर्ज किया।