आम्बेडकर भवन : फूटा गुस्सा, रोका रास्ता, इंदोरा चौक पर कार्यकर्ताओं का आक्रोश

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नागपुर. अंबाझरी तालाब के किनारे मनपा द्वारा धम्मक्रांति के सम्मान में निर्मित डॉ. आम्बेडकर सांस्कृतिक भवन को गरूडा एम्यूजमेंट पार्क कम्पनी की ओर से ध्वस्त कर दिया गया. इसे लेकर आम्बेडकरी जनता में लगातार रोष बढ़ता जा रहा है. हालांकि जिला सत्र न्यायालय ने कम्पनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए. इसके बावजूद पुलिस की कार्यप्रणाली कम्पनी को सहयोग करने की होने का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग आंदोलनकारियों द्वारा की जा रही है. इंदोरा चौक पर कार्यकर्ताओं ने रास्ता रोको आंदोलन कर आक्रोश जताया. समर्थकों ने कहा कि गत 121 दिनों से अंबाझरी तालाब के पास धरना प्रदर्शन जारी है किंतु राज्य सरकार की ओर से संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. इसलिए आंदोलन को तीव्र करने की चेतावनी भी दी.

गिरा दी धम्मक्रांति की ऐतिहासिक वास्तु

कार्यकर्ताओं ने कहा कि भारत रत्न डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर ने 1956 में धम्मक्रांति कर नागपुर को ऐतिहासिक धम्म नगरी का रूप दिया. धम्मक्रांति के सम्मान में ही मनपा द्वारा अंबाझरी तालाब के किनारे 20 एकड़ जगह पर डॉ. आम्बेडकर सांस्कृतिक भवन तैयार किया गया किंतु इस वास्तु को भू-माफिया की नजर लग गई. मनपा, सरकार और एमटीडीसी ने आपसी साठगांठ कर वास्तु ध्वस्त कर दी. आश्चर्यजनक यह कि जिस समय कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते जनता घरों में बंद थी, उसी का लाभ उठाकर कम्पनी ने भवन गिरा दिया. इसके खिलाफ गत 2 वर्षों से लगातार धरना, आंदोलन और मोर्चे निकाले जा रहे हैं. एक ओर आम्बेडकरी जनता की भावनाएं आहत हैं तो वहीं गरूडा एम्यूजमेंट पार्क कम्पनी के संचालकों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है. 

दोषियों की तुरंत हो गिरफ्तारी

कार्यकर्ताओं ने कहा कि आम्बेडकर भवन ध्वस्त करने वालों को तुरंत गिरफ्तार कर जांच की जानी चाहिए अन्यथा अब सिटी के प्रत्येक मुख्य चौराहों पर आंदोलन किया जाएगा. इंदोरा चौक पर जमकर नारेबाजी की गई. इसके बाद पांचपावली पुलिस के निरीक्षक वैभव नाईक के माध्यम से पुलिस आयुक्त के नाम पत्र दिया गया. कार्यकर्ताओं का मानना था कि जब अंबाझरी पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं तो कम्पनी के संचालक को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है.