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  • RTO : 5 महीनों में मात्र 600 ही हुए, अभी तक नहीं मिला सर्टिफिकेट

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नागपुर. सरकारी लॉगइन आईडी के जरिये घर के कम्प्यूटरों से ही वाहन लाइसेंस जारी करके पूरे राज्य में गूंजे नागपुर प्रादेशिक परिवहन विभाग की सुस्त कार्यवाही का एक और नजारा इन दिनों दिखाई दे रहा है. वर्षों की लंबी जद्दोजहद के बाद प्रादेशिक परिवहन आयुक्तालय के निर्देश पर टैरिफ दर वृद्धि की गई. नागपुर शहर में 12 से बढ़ाकर 18 रुपये प्रति किलोमीटर का टैरिफ घोषित किया गया लेकिन हैरानी की बात है कि पिछले 5 महीनों में करीब 600 ऑटोरिक्शा के  मीटर कैलिब्रेशन  हो सके हैं. इनमें भी अभी तक किसी को आरटीओ की ओर से सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जाने की जानकारी सामने आ रही है. आरटीओ की मीटर कैलिब्रेशन की इस गति को स्वीकार किया जाए तो सिटी के 18,500 ऑटोरिक्शा में मीटर कैलिब्रेशन को 12 वर्ष से अधिक का समय लगेगा.

16 जून से लागू नया टैरिफ, 60 दिन की डेडलाइन

ज्ञात हो कि 6 जून 2022 को प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण, नागपुर की बैठक ली गई थी. बैठक में मीटर कैलिब्रेशन समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा करके निर्णय लिए गए थे. इस बैठक में तत्कालीन जिलाधिकारी आर. विमला, डीसीपी ट्रैफिक सारंग आवाड, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, नागपुर शहर रवीन्द्र भुयार, ग्रामीण के आरटीओ अधिकारी राजेश सरक, एनआईटी की अधीक्षक अभियंता लीना उपाध्ये, ट्रैफिक अभियंता देशपांडे और परिवहन प्रबंधक आरएन भेलावे शामिल थे. बैठक में निर्णय लिया गया था कि 16 जून से नई टैरिफ दर लागू कर दी जाएगी. सिटी के ऑटोरिक्शा चालकों को 60 दिन के भीतर अपने वाहन के मीटर कैलिब्रेशन करना अनिवार्य होगा. ऐसा नहीं होने पर ऑटोचालकों पर प्रतिदिन 50 रुपये की पेनल्टी लगेगी. यह पेनल्टी न्यूनतम 500 और अधिकतम 2,000 रुपये तय की गई थी. हालांकि 154 से अधिक दिन गुजर चुके हैं और केवल 600 ऑटोरिक्शा चालकों ने ही मीटर कैलिब्रेशन कराया है. 

RTO नहीं चाहता मीटर सिस्टम

सिटी में काफी लंबे समय से ऑटोरिक्शा में मीटर सिस्टम की अनिवार्यता पर शोर मचता रहा है. अब तक ऑटोरिक्शा यूनियन और चालक दावा करते थे कि हम तो चाहते हैं कि मीटर सिस्टम लागू हो लेकिन शहरवासी नहीं चाहते. लेकिन मीटर कैलिब्रेशन पर चल रही घोर लेटलतीफी से लगता है कि शायद आरटीओ ही नहीं चाहता कि यह व्यवस्था लागू हो. दिनोदिन शहर बढ़ता ही जा रहा है. ऑटोरिक्शा की संख्या 18,000 के पार हो चुकी है जबकि नये टैरिफ वाले मीटर केवल 600 में शुरू है. ऐसे में उक्त मामले में आरटीओ की चुप्पी साफ इशारा कर रही है कि सिटी में मीटर सिस्टम लागू होने में एक अरसा और लगना तय है.