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    नागपुर. कोविड काल में 10वीं व 12वीं परीक्षा के दौरान छात्रों को कई तरह की राहत दी गई थी लेकिन इस बार किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी. परीक्षा पुराने पैटर्न पर ही ली जाएगी. सिलेबस भी 100 फीसदी ही होगा. परीक्षा से कुछ ही दिन बाद लिये गये निर्णय से छात्र व पालकों ने नाराजगी व्यक्त की है. 

    महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा मंगलवार को जारी की गई सूचना के अनुसार इस पर बार परीक्षा 100 फीसदी पाठ्यक्रम के आधार पर ली जाएगी. प्रात्याक्षिक, मौखिक, श्रेणी, अंतर्गत मूल्यमापन आदि परीक्षाएं पूर्व प्रचलित पद्धति के अनुसार ही होंगी. छात्रों को परीक्षा से 30 मिनट पहले केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा. निर्धारित समय पर ही परीक्षा शुरू होगी. परीक्षा में किसी भी तरह का समय बढ़ाकर नहीं दिया जाएगा. जो टाइम टेबल तय होगा, उसी के अनुरूप परीक्षा ली जाएगी. दिव्यांग छात्रों को इससे पहले मिलने वाली सहूलियत जारी रहेगी. परीक्षा होम सेंटर पर नहीं होगी बल्कि अलग-अलग स्कूलों में केंद्र निर्धारित किये जाएंगे. 

    कोविड में मिली थी सहूलियत 

    कोविड की वजह से छात्रों को कई तरह की राहत दी गई थी. इसमें होम सेंटर पर परीक्षा ली गई थी. सिलेबस भी 25 फीसदी कम किया गया था. शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा की तिथि पहले ही घोषित होने के कारण पाठ्यक्रम पूर्ण करने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा था. अब तक स्कूलों में 80 फीसदी सिलेबस पूरा हो गया है लेकिन कोविड की वजह से छात्रों की लिखने और वाचन की प्रैक्टिस कम हुई है. बेस मजूबत नहीं होने से छात्रों पर अधिक मेहनत की गई है. 

    जनवरी से प्रैक्टिकल परीक्षाएं 

    12वीं की परीक्षा 23 फरवरी और 10वीं की 4 मार्च से ली जाएगी. अब छात्रों के पास अधिक समय नहीं रह गया है. जनवरी से 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा शुरू हो जाएगी. छात्रों सहित पालकों का कहना है कि जब परीक्षा की तिथि घोषित की गई थी, उसी वक्त सहूलियत के बारे में भी बता दिया जाता तो छात्र मानसिक रूप से तैयार हो जाते. मंडल ने देरी से निर्णय लिया. इससे परीक्षा परिणाम पर असर हो सकता है. अब छात्रों को अधिक मेहनत करना पड़ेगी.