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  • सीताबर्डी इम्प्रूवमेंट स्कीम को लेकर विश्वस्त मंडल का फैसला

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नागपुर. सीताबर्डी (वेस्ट) इम्प्रूवमेंट स्कीम के अंतर्गत 20,98,425 वर्ग फुट जगह का न्यायालय के आदेशों के अनुसार पुनर्विचार किया गया. तद्नुसार प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करने के लिए गुरुवार को हुई विश्वस्त मंडल के समक्ष रखा गया. इस पर चर्चा के दौरान विश्वस्तों का मानना था कि सर्वप्रथम लाइसेंसधारकों को अतिरिक्त जमीन का मुआवजा मांगने का अधिकार नहीं होगा. इस तरह की गारंटी लेने के बाद ही समझौता किया जाना चाहिए. इसी तरह से लाइसेंस के अनुसार आवंटित जगह को लेकर नियम 5(2) को नियम 26 के अनुसार शिथिलता प्रदान करने का प्रस्ताव सरकार की मंजूरी के लिए भेजने का फैसला भी किया गया.

बीओटी ऑपरेटर के निर्माण की मंजूरी पर चर्चा

गुरुवार को हुई विश्वस्त मंडल की बैठक में प्रन्यास सभापति मनोजकुमार सूर्यवंशी ने मंजूरी के लिए कई प्रस्ताव रखे जिनमें से एक प्रस्ताव हिवरीनगर के मिडल रिंक रोड ईस्ट प्रिंसिक्ट भूखंड पर निर्मित होने वाले प्रोजेक्ट भी रहा. प्रोजेक्ट के अनुसार बीओटी ऑपरेटर इंडो पैसिफिक प्रोजेक्ट प्रा.लि. कम्पनी को कमर्शियल और निवासी उपयोग के लिए निर्माण की मंजूरी देना था. इस पर लंबी चर्चा के बाद विश्वस्तों ने सर्वप्रथम बीओटी ऑपरेटर को आर्बिट्रेशन के लिए दायर मामला बिना शर्त वापस लेने, प्रन्यास और मनपा का सम्पूर्ण बकाया ब्याज के साथ भरने, बिक्री के लिए फ्री होल्ड राइट नहीं देने जैसे शर्त के अधीन ही अगली कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया.

सुपरस्पेशलिटी अस्पताल विकास को राहत नहीं

प्रस्ताव के अनुसार वांजरी स्थित खसरा नंबर 50 और 51 पर सुपरस्पेशलिटी अस्पताल का विकास किया जाना है जिसके लिए 23 अप्रैल 2013 को ही एग्रीमेंट किया गया किंतु इसमें रखी गई शर्तों को अब शिथिल करने की मांग की गई जिस पर हुई चर्चा के बाद शर्त में किसी तरह की छूट नहीं देने का फैसला किया गया. इसके अलावा चिखली की कुल 5.41 हेक्टेयर कृषि भूमि को लेकर एमआरटीपी एक्ट की धारा 37 के अनुसार कार्यवाही कर इसका निवासी उपयोग में शामिल करने के प्रस्ताव को हरी झंडी प्रदान की गई. अब तक इस संदर्भ में जो भी कार्यवाही की गई उसे आगे बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया. 

आरक्षण छोड़ भूखंडों को मंजूरी

उल्लेखनीय है कि गुंठेवारी एक्ट के तहत कई लेआउट में आरक्षित जगहों पर भी आवास के लिए मंजूरी दिए जाने का मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है. इसके बावजूद नागपुर विकास प्रारूप में बाबुलखेड़ा स्थित लेआउट में का शॉपिंग काम्प्लेक्स, वेजिटेबल मार्केट और स्टेट ट्रांसपोर्ट के लिए आरक्षित जमीन से बाधित भूखंडों का आरक्षण छोड़ अन्य को मंजूरी देने का प्रस्ताव विश्वस्तों के समक्ष रखा गया. इस पर चर्चा के बाद गुंठेवारी एक्ट में प्रन्यास सभापति को निर्णय लेने का अधिकार होने का हवाला देते हुए हाई कोर्ट के फैसले के अनुसार नियमों के अधीन कार्यवाही करने को मंजूरी प्रदान की गई.