Plastic Carry Bags

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    • 1,682 किलो प्लास्टिक अब तक बरामद 
    • 188 दूकानदारों पर हुई है कार्रवाई

    नागपुर. गुरुवार की दोपहर आसीनगर जोन अंतर्गत कमाल चौक के दूकानदारों में उस समय हड़कम्प मच गया जब एनएडीएस की कार्रवाई में बुक डिपो से प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरी बैग जब्त किए जाने की खबर आग की तरह फैल गई. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरी बैग को लेकर कार्रवाई करने के निर्देश देने के बाद मनपा ने इसे अभियान के रूप में शुरू किया. अभियान के तहत अब तक कई दूकानों पर दस्तक दी गई किंतु पहली बार आसीनगर जोन में पुस्तकों की दूकान को भी खंगाला गया. पुस्तकों की दूकान में भी प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरी बैग मिलने पर दस्ते ने मेसर्स कृष्णा बुक डिपो के मालिक विजय कुमार पर 5,000 रु. का जुर्माना लगाया. गुरुवार को दस्ते ने कुल 7 जोन में कार्रवाई की जिसमें 10 प्रतिष्ठानों से 50,000 रु. का जुर्माना वसूल किया.

    चोरी छिपे कई जगहों पर हो रहा इस्तेमाल

    सूत्रों के अनुसार मनपा की ओर से भले ही प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरी बैग को लेकर अभियान के तौर पर कार्रवाई शुरू की गई लेकिन अभी भी कई जगहों पर चोरी छिपे कैरी बैग का इस्तेमाल हो रहा है. बताया जाता है कि नये ग्राहकों द्वारा कैरी बैग मांगने पर दूकानदार इनकार कर देते हैं लेकिन पहचान के ग्राहकों को बेखौफ कैरी बैग उपलब्ध कराया जा रहा है. इन ग्राहकों को कैरी बैग सौंपते ही तुरंत प्रतिष्ठान छोड़ने की हिदायत दी जाती है. इसी बीच एनडीएस दस्ते की ओर से कार्रवाई को भी अंजाम दिया जा रहा है. यही कारण है कि 1 जुलाई से अभियान शुरू होने के बाद अब तक कुल 188 दूकानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है जिसमें 1,682 किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक जब्त कर 10.30 लाख का जुर्माना वसूला गया. 

    18 दूकानों पर दूसरी बार कार्रवाई

    उल्लेखनीय है कि मनपा की ओर से शुरू हुए अभियान में अब तक 170 दूकानदारों पर पहली बार कार्रवाई की गई, जबकि 18 दूकानदारों पर दूसरी बार कार्रवाई कर डबल जुर्माना वसूल किया गया. विशेषत: 3 जुलाई को हुई कार्रवाई में सर्वाधिक 845 किलो प्रतिबंधित कैरी बैग जब्त किए गए थे. साथ ही 6 जुलाई को भी 161 किलो कैरी बैग जब्त हुए. किंतु बचे 12 दिनों में कोई भी बड़ी कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया जा सका है. सूत्रों के अनुसार बारिश की वजह से भले ही कार्रवाई प्रभावित होने का दावा किया जा रहा हो लेकिन वास्तविक रूप में प्रत्येक जोन में केवल 2 या 3 ही दूकानों के खिलाफ कार्रवाई की खानापूर्ति हो रही है. इसी तरह से अभियान अब आम तरह की नियमित कार्रवाई का रूप लेता दिखाई दे रहा है.