Modi government aims to reduce road accidents by 50 percent by 2024
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    नागपुर. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को जान से मारने की धमकी देकर 100 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने के मामले में संदिग्ध आरोपी जयेश कांता एस उर्फ शाकीर उर्फ शाहिर धमकी भरा फोन कॉल करने से साफ इनकार कर रहा है. लेकिन उसने उस मोबाइल फोन से केवल गडकरी ही नहीं अन्य लोगों को भी कॉल किया था. पुलिस अब उन लोगों के बयान भी दर्ज कर रही है.

    सीपी अमितेश कुमार ने बताया कि गडकरी को धमकाने के लिए जिस मोबाइल फोन का उपयोग किया गया था उसका कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) खंगाला गया. उसमें गडकरी के अलावा अन्य 5-6 लोगों से भी बातचीत होने की जानकारी सामने आई.

    बेलगाम पुलिस और जांच करने गई नागपुर पुलिस उन सभी लोगों से पूछताछ कर रही है. सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उन सभी का बयान दर्ज किया जाएगा. जयेश को हत्या और डकैती के मामले में फांसी की सजा हुई है. उसके पास कोई फोन नहीं मिला. वह अपने पास फोन होने से ही इनकार कर रहा है, जबकि जांच में यह साफ हो गया है कि फोन पर कॉल उसने ही किया था.

    माना जा रहा है कि पुलिस के बेलगाम पहुंचने की खबर मिलते ही जयेश ने अपना फोन कहीं फेंक दिया. वह बहुत ही शातिर अपराधी है. न्यायालय उसे फांसी की सजा सुना चुका है. ऐसे में उसे गिरफ्तार करना पुलिस के लिए आसान नहीं होगा, इसीलिए वह फोन पर कॉल करने की बात से साफ मुकर गया है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि जेल के भीतर सजायाफ्ता, वह भी फांसी की सजा पा चुके कैदी के पास मोबाइल पहुंचा कैसे?