प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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नागपुर. नागरिकों से यातायात नियमों का पालन करवाने के लिए पुलिस चालान कार्रवाई तो कर रही है लेकिन इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है. यदि चालान से स्थिति सुधर जाती तो 11 लाख से ज्यादा कार्रवाई होने पर कुछ तो सुधार दिखता लेकिन यातायात पुलिस द्वारा किए जाने वाले चालान को लेकर नागरिकों में कोई भय नहीं है. एक तो शहर की यातायात व्यवस्था दिन ब दिन खराब होती जा रही है उस पर नियमों के प्रति लोगों की अनदेखी से साफ दिखाई पड़ता है कि लोग पुलिस के चालान से डरते नहीं हैं. स्थिति को देखकर लगता है कि नागरिकों से नियमों का पालन करवाने के लिए पुलिस को कोई नई रणनीति बनानी होगी.

केवल चालान बनाने से काम नहीं चलेगा. लोगों को नियमों के प्रति जागरूक भी करना पड़ेगा. इसके साथ ही चालान की वसूली पर भी जोर दिया जाना चाहिए लेकिन यातायात पुलिस के पास न तो पर्याप्त संसाधन है और न ही कोई विशेष टीम. बकाया चालान के लिए लोगों को लोक अदालत में उपस्थित रहने के लिए नोटिस तो दिया जाता है लेकिन लोग इस नोटिस को भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. पेंडिंग चालान का आंकड़ा समय के साथ-साथ बढ़ता जा रहा है.

39 प्रश लोग नहीं पहनते हेलमेट

वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य है. वैसे तो वाहन चलाने वाले के साथ-साथ पिछली सीट पर बैठने वाले के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य है. फिलहाल पुलिस वाहन चलाने वाले पर ही हेलमेट की सख्ती कर रही है. शहर में होने वाले सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें सिर में चोट लगने के कारण ही होती हैं. इसके बावजूद लोग हेलमेट पहनने से परहेज करते हैं. बीते वर्ष पुलिस ने हेलमेट नहीं पहनने वाले 6,25,815 वाहन चालकों का चालान किया. केवल नागपुर सिटी की बात की जाए तो शहर में 16 लाख दोपहिया वाहन घूम रहे हैं. इससे साफ है कि सिटी में 39 प्रश दोपहिया वाहन चालक हेलमेट नहीं पहनते. 

दोपहिया वाहन चालक ज्यादा लापरवाह

ऐसा नहीं है कि सड़क हादसों में हर बार गलती भारी या बड़े वाहन चालक की ही होती है. अनेक मामलों में दोपहिया वाहन चालक की वजह से ही हादसे होते हैं और जान भी उन्हें ही गंवानी पड़ती है लेकिन मामला दर्ज केवल भारी वाहन चालकों के खिलाफ ही होता है. लोगों को समझना होगा कि यदि सिर बचेगा तो उनका घर बचेगा. हादसे में किसी व्यक्ति की मौत होने के बाद उसके परिवार पर क्या बीतती है यह तो पीड़ित परिवार ही समझ सकता है लेकिन लोग अब भी अपनी अकड़ में हैं. हेलमेट को लेकर जनजागृति दोबारा शुरू करनी होगी. विशेष तौर पर युवा हेलमेट पहनना अपनी तौहीन समझते हैं. केवल चालान के जरिए हेलमेट की सख्ती करने की बजाय हेलमेट पहनने वालों को प्रोत्साहित करके भी लोगों में जनजागृति की जा सकती है. 

पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई 

विषय चालान चालान
वर्ष 2023 2022
बिना हेलमेट 6,25,815 5,44,808
ओ‍वर स्पीड 21,085 16,388
ट्रिपल सीट 25,172 16,715
सड़क पर पार्किंग 88,187 77,015
बिना लाइसेंस 31,771 4,474
सिग्नल जम्प 62,101 33,885
बिना दस्तावेज 86,801 87,805
फैंसी नंबर 21,578 19,777