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सीपी अमितेश कुमार

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    नागपुर. पिछले कई वर्षों से सामाजिक संगठनों द्वारा शहर में महिलाओं के लिए स्वतंत्र थाना बनाने की मांग की जा रही है. इसके लिए कई बार सरकार को निवेदन भी दिए गए. जल्द ही शहर को महिला पुलिस स्टेशन मिल सकता है. इस संबंध में सिटी पुलिस ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर सरकार को प्रस्ताव भेज दिया और बस मंजूरी मिलने का इंतजार है.

    पुलिस स्टेशन के लिए पर्याप्त स्टाफ और जगह भी उपलब्ध है. महिलाओं और युवतियों से संबंधित अपराधों का निपटारा करने के लिए यह विशेष थाना शुरू करने का निर्णय लिया गया है. महिलाओं को पुलिस स्टेशन जाने से डर लगता है. उन्हें पुरुष अधिकारी और कर्मचारियों के सामने अपनी समस्या बताने में हिचकिचाहट होती है. महिलाओं की समस्याओं को महिलाएं ही बेहतर ढंग से समझ सकती हैं. पीड़ित महिला खुलकर अपनी परेशानी बता सकती है. इसीलिए महिलाओं के लिए विशेष पुलिस स्टेशन शुरू करने की मांग की जा रही थी. 

    ‘दामिनी’ और ‘भरोसा’ सेल का होगा समावेश

    कुछ दिन पहले ही सीपी अमितेश कुमार ने इस संबंध गृह मंत्रालय और डीजी कार्यालय को प्रस्ताव भेजा है. सीपी ने बताया कि इस पुलिस स्टेशन की कमान 2 वरिष्ठ महिला इंस्पेक्टर को सौंपी जाएगी. करीब 240 अधिकारी और कर्मचारी इस थाने में तैनात रहेंगे. पुलिस मुख्यालय और थानों से महिला कर्मचारियों का चयन किया जाएगा. इसमें ‘भरोसा’  और ‘दामिनी’ दस्ते सहित सभी वुमेन सेल को भी समाविष्ट किया जाएगा.

    केवल महिलाओं से जुड़े अपराध ही थानों में दर्ज होंगे. जरूरत पड़ने पर अन्य पुलिस स्टेशन से भी यहां मामले भेजे जा सकते है. काटोल रोड पर राजभवन के सामने नये डीजी कैंप का निर्माण होने के बाद पुलिस जिम खाना से सटा चेतना बंगला अब खाली हो गया है. यहां पुलिस स्टेशन के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध है. इसीलिए चेतना में ही महिला पुलिस स्टेशन को मंजूरी देने की मांग की गई है.

    शहर में 4 पुलिस थानों की कमान महिला निरीक्षकों के हाथों में है. वाठोड़ा में आशालता खापरे, मानकापुर में वैजयंती मांडवधरे, बजाजनगर में शुभांगी देशमुख और वाड़ी में ललिता तोड़ासे थानेदार है. 6 पुलिस थानों में महिला अधिकारी दुय्यम निरीक्षक पद पर कार्यरत है. इन्हीं अधिकारियों में से किसी को महिला पुलिस थाने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.

    3 वर्षों में महिलाओं से संबंधित दर्ज मामले

    वर्ष 2019 2020 2021(सितंबर तक) 

    दुष्कर्म  183 172 170

    छेड़खानी 339 322 269

    दहेज प्रताड़ना 136 118 119