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    •  1.14 लाख हेक्टयर फसल जुलाई में हुई बर्बाद
    •  82,936 हेक्टेयर अब तक अगस्त में खराब

    नागपुर. जिले के किसानों पर इस वर्ष आसमानी आपदा ने भारी कहर बरपाया है. जुलाई और अगस्त महीने में हुई अतिवृष्टि और बाढ़ के चलते अब तक करीब 2 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है. जुलाई महीने की सर्वे रिपोर्ट में 1.14 लाख हेक्टेयर में कपास, सोयाबीन, तुआर, धान और अन्य फसलों को क्षति की जानकारी जिला प्रशासन ने दी थी. उसके बाद अगस्त महीने में सप्ताहभर पहले कुछ दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश के चलते फिर 82,936 हेक्टेयर में फसलों के खराब होने की प्राथमिक रिपोर्ट कृषि विभाग ने दी है.

    सर्वे पूरा होने तक यह नुकसान और बढ़ सकता है. कहा जा रहा है कि इस खरीफ सीजन की जिले में लगभग 50 फीसदी फसल अतिवृष्टि के चलते खराब हो गई है. सर्वे में संतरा, मौसंबी के बागों को तो शामिल ही नहीं किया गया है, जिसे शामिल करने की मांग भी किसानों द्वारा उठाई जा रही है. अति बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया है और पौधे पीले पड़ कर गल रहे हैं. 

    बढ़ सकता है आंकड़ा

    अब तक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कुल 1.97 लाख हेक्टेयर में फसलों को नुकसान पहुंचा है. यह आंकड़ा और बढ़ सकता है. अगस्त महीने की बारिश के कारण हुए नुकसान का सर्वे अभी चल ही रहा है. कई भागों में हालत यह है कि खेतों में पानी लबालब भरा होने के कारण वहां जाने का रास्ता तक नहीं है. अधिकारी ने बताया कि फिलहाल कुही, मौदा और हिंगणा तहसीलों की में हुए नुकसान की प्राथमिक रिपोर्ट नहीं आई है. सब्जियों, मक्का और फलबागों को भी खासा नुकसान पहुंचा है. नदी, नालों के किनारे निचले भागों में स्थित खेतों में फसल के साथ मिट्टी तक बह गई है. किसानों को तत्काल मदद की जरूरत है.

    अगस्त महीने में 1,128 हेक्टेयर में सब्जियों, 625 हेक्टेयर में मक्का, 35 हेक्टेयर में फलबागों को नुकसान पहुंचा है. जुलाई महीने में भी सब्जी, मक्का और फलबागों को भारी नुकसान पहुंचा. काटोल और नरखेड़ में लगभग 23,000 हेक्टेयर में संतरा व मौसंबी की फसल ली जाती है. जहां बारिश के चलते नुकसान की जानकारी है. 

    अगस्त महीने में हुआ नुकसान 

    फसल हेक्टेयर

    कपास 39,856

    सोयाबीन 11,571

    तुअर 6,512

    सब्जियां 1,128

    धान 1,010

    मक्का 625

    फलबाग 35