सेटलमेंट के फिराक में धवनकर समर्थक; विवि ने जारी किया सर्कुलर, पीड़ित दर्ज कराएं शिकायत

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    नागपुर. आरटीएम नागपुर विवि के जनसंवाद विभाग प्रमुख धर्मेश धवनकर द्वारा विभाग प्रमुखों से लाखों की रकम वसूलने संबंधी मामले में धीरे-धीरे एक-एक परत खुलती जा रही है. प्रकरण के तुल पकड़ने के बाद धवनकर समर्थकों द्वारा शिकायतकर्ताओं पर दबाव बनाया जा रहा है. सेटलमेंट कर मामले को निपटाने और रकम भी वापस करने का लालच दिया जा रहा है.

    इस कार्य में विवि के एक पूर्व अधिकारी भी लगे हैं. इस बीच विवि प्रशासन ने एक परिपत्रक जारी कर वसूली करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की अपील की है. धवनकर मामले के बाद विवि के एक पूर्व अधिकारी व समर्थक द्वारा शिकायतकर्ताओं से सपंर्क किये जाने की चर्चा है. इसमें समर्थक ने मामले को रफा-दफा करने की बात कही. साथ ही जिनसे जितनी रकम ली गई है, उसे लौटाने की भी तैयारी दिखाई गई लेकिन शिकायतकर्ताओं ने इनकार कर दिया.

    इतना ही नहीं उपकुलपति ने भी शिकायकर्ताओं से पूछताछ के दौरान स्पष्ट किया कि उनके पास ठोस सबूत होना आवश्यक है. यदि ठोस सबूत नहीं है तो फिर मामले का निपटारा आपस में कर ले. इससे उपकुलपति की भूमिका पर भी संदेह  व्यक्त किया जा रहा है.

    वसूली के लिए दे रहे धमकी 

    इस बीच कुलसचिव द्वारा एक परिपत्रक जारी किया. इसमें कहा गया है कि कुछ लोग विभाग प्रमुख, शिक्षक व अधिकारी, कर्मचारियों से वसूली कर रहे हैं. साथ ही बड़े अधिकारियों तक रकम पहुंचाने की बात करते हैं. कुछ लोगों को धमकी भी दी जा रही है. इससे विवि की छवि मलिन हो रही है. इस तरह की धमकी मिलने पर किसी भी व्यक्ति को रकम न दी जाये. साथ ही सीधे उपकुलपति से शिकायत करने की अपील की गई है.

    खुलासे के बाद प्राथमिक जांच समिति 

    विवि के उपकुलपति प्रा.सुभाष चौधरी ने स्पष्ट किया है कि धर्मेश धवनकर से समूचे मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है. स्पष्टीकरण आने के बाद प्राथमिक जांच समिति गठित की जाएगी. इसकी रिपोर्ट के आधार पर विभागीय जांच समिति गठित की जाएगी. समिति की रिपोर्ट के बाद ही अगले एक्शन की दिशा तय की जाएगी. प्रशासन का कहना है कि धवनकर ने विभाग प्रमुखों से रकम की वसूली है. इस वजह से सीधे तौर पर विवि के साथ फ्रॉड नहीं किया है. यही वजह है कि समूची जांच के बाद भी निर्णय लिया जाएगा.

    Ph.D धारकों से भी वसूली 

    धर्मेश धवनकर पीएचडी का गाइड भी है. उनके पास कई शोधार्थियों ने पीएचडी की है. इसमें सिटी के कुछ मीडिया कर्मी भी है. पीएचडी के लिए रकम मांगने की भी चर्चा है. हालांकि अब तक किसी ने शिकायत नहीं की है लेकिन मामले के उजागर होने के बाद कई लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि कुछ अन्य शहरों के शोधार्थियों का नागपुर का पता देकर भी पंजीयन कराया गया. इस मामले में भी बड़े लेन-देन की चर्चा है.  

    रायुकां ने की मामला दर्ज करने की मांग

    इस बीच राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के शहर जिला अध्यक्ष शैलेन्द्र तिवारी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने सीताबर्डी पुलिस थाने के निरीक्षक अतुल सबनिस से मुलाकात कर धवनकर के खिलाफ वसूली का मामला दर्ज करने की मांग की. साथ ही उपकुलपति की भूमिका भी संदेहास्पद होने की बात कही है. उपकुलपति के नाम से हुई रकम उगाही में उपकुलगुरु की भी जांच की मांग की गई. तिवारी ने कहा की जो शिकायत 4 नवंबर को प्राध्यापकों द्वारा की गई वह बेहद गंभीर स्वरुप की थी. इसकी जांच पुलिस के माध्यम से की जा सकती थी. इस अवसर पर अनिल बोकड़े, सुमित बोड़खे पाटिल, विश्वजीत सावडिया, प्रणव म्हैसेकर, शीतल किरजवलेकर, पंकज हेड़ाऊ आदि पदाधिकारी उपस्थित थे.