नागपुर. राज्यभर में बिजली आपूर्ति सेवा को गुणवत्तापूर्ण करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का कार्य किया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार की आरडीएस योजना के प्रस्ताव को केन्द्र सरकार ने मंजूरी दी है. केन्द्र द्वारा इसके लिए 3,900 करोड़ रुपये की निधि मिलेगी. उपमुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बताया कि 40-50 वर्ष पुरानी बिजली लाइनों को बदलने, अंडरग्राउंड व ओवरहेड केबलिंग,जीर्ण कंडक्टर बदलने, नये ट्रांसफार्मर, डीपी आदि के कार्य किये जाएंगे. उन्होंने बताया कि अकेले विदर्भ में इस योजना के तहत 9,000 करोड़ रुपयों के कार्य किए जाएंगे. वे विधान परिषद में बिजली व्यवस्था के संदर्भ में सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों पर उक्त जानकारी दे रहे थे.
फीडर सोलराइजेशन से समस्या होगी दूर
विप सदस्य प्रवीण दटके ने प्रश्नोत्तर के माध्यम से विदर्भ के किसानों को नये कृषिपंप कनेक्शन देने का काम बंद होने के चलते अड़चन में आने का सवाल उठाया था. फडणवीस ने बताया कि 57,194 पेड पेंडिंग यानी जिन किसानों ने पैसे जमा कर दिया है उनमें से 19,000 कनेक्शन दिया जा चुका है. अब नई दर से टेंडर जारी करने वाले हैं और सुशिक्षित अभियंताओं को भी काम मिले यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि राज्य में कुसुम योजना के तहत 5 लाख किसानों को कृषिपंप देना है. वर्ष 2025 तक 30 प्रतिशत टारगेट पूरा करने का नियोजन है. सोलर प्रकल्प के लिए जहां सरकारी जमीन नहीं है वहां किसानों की बंजर जमीन को 75,000 रुपये वार्षिक किराये पर लेकर प्रकल्प लगाए जाएंगे. फीडर सोलराइजेशन मॉडल पर जोर होगा. उन्होंने बताया कि अभी जहां 2-3 किमी तक बिजली लाइनें नहीं हैं, वहां सोलर कृषिपंप को प्राथमिकता दी जा रही है. सोलर फीडराइजेशन होने से सभी की समस्या दूर होगी.
ईमानदारी से बिल भरने वालों पर अन्याय
सदस्यों ने कहा कि जिन इलाकों में तेजी से विकास हो रहा, घर बन रहे वहां बिजली कनेक्शन दिया जाता है. इससे डीपी पर लोड पड़ता है और बार-बार बिजली बंद होती है. ईमानदारी से बिजली भरने पर वालों पर यह अन्याय है. डीपी की संख्या बढ़ानी चाहिए. वहीं किसानों की बिजली काटने की शिकायतें भी की गईं. फडणवीस ने कहा कि आरडीएस योजना के तहत डीपी की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी. वहीं किसी भी किसान की बिजली नहीं काटने का लिखित आदेश जारी करने की जानकारी भी उन्होंने दी.
ग्राहकों को मिलेगा च्वाइस
अनेक शहरों में बिजली वितरण व्यवस्था के फ्रेंचाइजी देने और निजी कंपनी अदानी को समानांतर लाइसेंस देने के संदर्भ में अभिजीत वंजारी ने सवाल किया कि क्या निजी कंपनियां सरकार की तरह ही किसानों व स्थानीय निकाय संस्थाओं को सब्सिडी दे सकेंगी. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के नये कानून से ग्राहकों को बिजली खरीदने के अनेक पर्याय मिलेंगे. जिस तरह मोबाइल रिचार्ज के लिए अनेक कंपनियां हैं और जो आकर्षक रेट पर पैकेज देता है ग्राहक उसकी ओर जाते हैं. बिजली क्षेत्र में धीरे-धीरे ऐसा सिस्टम व स्पर्धा तैयार होगी कि जो सस्ती बिजली देगा ग्राहक उससे खरीदेगा. अगर ग्राहक को लाभ दिखेगा तब एमईआरसी उसे अनुमति देगी.