नागपुर. एनडीसीसी बैंक में हुए 150 करोड़ रुपये के घाटोले में आरोपियों से वसूली करने की याचिका मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में प्रलंबित थी. बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई हुई. राज्य सरकार ने घोटाले में वसूली संबंधी इन्वेस्टिगेशन में जांच अधिकारी बदलकर पूर्व न्यायाधीश जे.एन. पटेल को जिम्मेदारी देने की अनुमति मांगी. न्यायालय ने सरकार की अपील मंजूर कर दी है. अब वसूली से जुड़ी जांच न्या. पटेल करेंगे.
इस प्रकरण में पूर्व मंत्री सुनील केदार भी मुख्य आरोपी है. विशेष बात ये है कि राज्य में सत्ता पलटने के बाद यह फेरबदल किया गया. वर्ष 2001-02 में बैंक की रकम से मुंबई की होम ट्रेड लिमिटेड, इंद्रमणी मर्चेंट प्रा. लि. और अन्य कुछ कंपनियों द्वारा सरकारी शेयर खरीदे गए थे. शेयर की खरीदी में हुए घोटाले के खिलाफ 4 राज्यों के 19 शहरों में आपराधिक मामले दर्ज किए गए. प्रकरण लंबे समय से प्रलंबित था. न तो आरोपियों से वसूली करके पीड़ितों को उनकी रकम वापस दी गई. इसीलिए ओमप्रकाश कामड़ी और कुछ लोगों ने आरोपियों से वसूली करने की याचिका उच्च न्यायालय में दायर की.
बुधवार को न्यायाधीश सुनील शुक्रे और गोविंद सानप की खंडपीठ में सुनवाई हुई. आरोपियों की जवाबदारी निश्चित करके उनसे घोटाले की रकम वसूल करने की मांग की गई. वसूली के संदर्भ में राज्य के सहकार विभाग की ओर से एक सदस्यीय जांच समिति नियुक्त की गई थी. अब तक पूर्व प्रधान न्यायाधीश एस.डी. मोहोड़ पर जांच की जिम्मेदारी थी परंतु स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने जिम्मेदारी से मुक्त करने की निवेदन राज्य सरकार से किया था.
राज्य सरकार ने मोहोड़ की जगह पटेल को नियुक्त करने की अनुमति मांगी जिसे न्यायालय ने मंजूर कर लिया. सरकार की ओर से अधि. मेहरोज पठान ने पैरवी की. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने जिला व सत्र न्यायालय में इस प्रकरण का युक्तिवाद पूरा कर फैसला न सुनाने के आदेश दिए थे. बुधवार को सत्र न्यायालय में हुई सुनवाई में बचावपक्ष ने युक्तिवाद के लिखित बयान दर्ज करवाने की अनुमति मांगी. जिसे न्यायालय में मंजूर किया.