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नागपुर. रेलवे ने ब्राडगेज रूट पूरा होते ही नागपुर से जबलपुर के बीच यात्री ट्रेनें बढ़ानी शुरू कर दी हैं. इससे वाया जबलपुर सिटी को को उत्तर भारत से एक ओर कनेक्टिविटी मिल जायेगी. इसी के तहत रेलवे बोर्ड ने दक्षिण-पूर्व-मध्य रेल नागपुर मंडल के स्टेशन इतवारी और रीवा के बीच एक और एक्सप्रेस ट्रेन को मंजूरी दे दी. यह एक्सप्रेस छिंदवाड़ा, सिवनी, नैनपुर व जबलपुर होते हुए चलेगी. यह ट्रेन सप्ताह में 4 दिन चलाई जाएगी.

जानकारी के अनुसार, ट्रेन 11755 इतवारी-रीवा एक्सप्रेस  17.30 बजे इतवारी से चलकर अगले दिन 8.20 बजे रीवा पहुंचेगी. यह ट्रेन हर बुधवार, शुक्रवार, शनिवार और सोमवार को चलेगी. वहीं ट्रेन 11756 रीवा-इतवारी एक्सप्रेस 17.20 रीवा से चलकर अगले दिन 8.40 बजे इतवारी पहुंचेगी जो  रीवा से हर मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार और रविवार चलाई जाएगी. 

बंद हो जाएगी 11753/54

हालांकि ट्रेन 11755/56 इतवारी-रीवा-इतवारी एक्सप्रेस के शुरू होने की तारीख तय नहीं की गई. जानकारी के अनुसार, उक्त ट्रेन के शुरू होते ही वर्तमान में जारी ट्रेन 11753/54 इतवारी-रीवा-इतवारी एक्सप्रेस बंद कर दी जाएगी. उल्लेखनीय है कि उक्त ट्रेन इतवारी-गोंदिया-बालाघाट-नैनपुर-जबलपुर होते हुए रीवा तक चलती थी. दूसरे शब्दों में कहें कि इसी ट्रेन को नये नंबर और नये टाइम टेबल के साथ वाया सिवनी चलाने का निर्णय लिया गया है. उक्त एक्सप्रेस सावनेर, रामाकोना, छिंदवाड़ा, चौरई, सिवनी, नैनपुर, जबलपुर, कटनी, मैहर और सतना स्टापेज लेगी. इसके अलावा बोर्ड ने गोंदिया और जबलपुर के बीच पैसेंजर ट्रेन को भी मंजूरी दी. यह पैसेंजर ट्रेन साढ़े 7 घंटे में सफर तय करेगी. जानकारी के अनुसार, गोंदिया-जबलपुर पैसेंजर 15.20 बजे गोंदिया से चलकर अगले दिन 00.10 बजे जबलपुर पहुंचेगी. वहीं जबलपुर-गोंदिया पैसेंजर 6 बजे जबलपुर से चलकर दोपहर 13.30 बजे गोंदिया पहुंचेगी. 

हो रही थी मांग

ज्ञात हो कि इतवारी-छिंदवाड़ा-सिवनी-जबलपुर रूट के लिए काफी पहले से ट्रेन मांगी जा रही थीं. 23 दिसंबर 2022 को एसईसीआर जोन ने इस मांग को बोर्ड के समक्ष रखा. वहीं 17 फरवरी 2023 को बोर्ड की बैठक में इस बारे में चर्चा की गई. करीब 15 दिन बाद ही बोर्ड ने एक्सप्रेस ट्रेन को मंजूरी प्रदान कर दी. एसईसीआर के जेडआरयूसीसी सदस्य विजय धवले ने कहा कि सिवनी रूट तैयार होते ही सीआरएस निरीक्षण किया गया. सीआरएस की हरी झंडी मिलते ही पीएम मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हमारी और क्षेत्र के लोगों की मांग स्वीकार की. इससे नागपुर से जबलपुर और उत्तर भारत के लिए एक और कनेक्टिविटी मिल गई है.