OBC Reservation

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नागपुर. बीते 8 दिनों से संविधान चौक पर आरक्षण व विविध मांगों को लेकर सर्व शाखीय कुणबी ओबीसी आंदोलन कृति समिति द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. सोमवार को हजारों की संख्या में कुणबी व ओबीसी समाज बांधवों ने कलेक्ट्रेट तक मोर्चा निकाला. हाथों में मांगों का पोस्टर्स लेकर और पीले झंडे लहराते हुए मोर्चा कलेक्ट्रेट पहुंचा और कृति समिति अध्यक्ष पुरुषोत्तम शहाणे के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित विविध पार्टियों के अध्यक्षों के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपकर पूरा करने और उसकी लिखित जानकारी देने की मांग की.

शिष्टमंडल ने चेतावनी दी कि जब तक सरकार लिखित में नहीं देगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. कहा गया कि 52 प्रतिशत ओबीसी समाज को केवल 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के कारण न्याय नहीं मिल रहा है इसलिए 52 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा को रद्द कर सरकार तमिलनाडु की तर्ज पर आरक्षण की सीमा बढ़ाए.

शिष्टमंडल में राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष बबनराव तायवाडे, सुरेश गुड़धे पाटिल, राजेश काकड़े, जानराव केदार, प्रल्हाद पडोले, बाबा तुमसरे, सुरेश कोंगे, कमलेश ठवकर, पांडुरंग वाकड़े, राजेन्द्र कोरडे, पी.के. मते, पंकज खंडागडे, गणराज मोहिलकर सहित विविध कुणबी संगठन के प्रतिनिधि शामिल थे.

मराठा को लेकर समाज में संभ्रम की स्थिति

आंदोलनकर्ताओं का कहना है कि मराठा समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले मनोज जरांगे पाटिल का अनशन छुड़वाते समय राज्य सकार की भूमिका संदिग्ध स्वरूप की थी. एक ओर ओबीसी का आरक्षण कम नहीं होने देंगे कह रहे हैं वहीं दूसरी ओर सरसकट कुणबी प्रमाणपत्र देने के संदर्भ भूमिका स्पष्ट नहीं की है. जरांगे पाटिल की कौन सी शर्त को मान्य किया गया सीएम व डीसीएम ने इसका खुलासा भी नहीं किया है जिससे समाज में संभ्रम निर्माण हो गया है. मोर्चा में सभी राजनीतिक पार्टी के नेता भी शामिल हुए. पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, पूर्व मंत्री नितिन राऊत, सुनील केदार, विरोधी पक्षनेता विजय वडेट्टीवार, विधायक समीर मेघे, परिणय फुके, आशीष देशमुख, सुधाकर कोहले, रमेश चोपड़े, नरेश बरडे सहित बड़ी संख्या में प्रतिनिधि शामिल हुए. मोर्चा के दौरान ही उस समय कुछ देर के लिए स्थिति बिगड़ती दिखी जब पुलिस ने आशीष देशमुख सहित कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर वैन में बिठा लिया. 

कृति समिति की मुख्य मांगें

  • मराठा समाज को सरसकट कुणबी प्रमाणपत्र न दें.
  • ओबीसी कोटे से मराठा आरक्षण न दिया जाए.
  • गठित की गई शिंदे समिति में कृति समिति के प्रतिनिधि लें.
  • ओबीसी की जातिनिहाय सर्वेक्षण कर इम्पीरिकल डेटा बताएं.
  • 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए विधेयक लाएं.
  • ओबीसी विद्यार्थियों के लिए मंजूर 72 छात्रावास तत्काल किराए के इमारतों में शुरू करें.
  • विद्यार्थियों के लिए त्वरित शिष्यवृति व फ्रीशिप योजना लागू करें.
  • 8 लाख रुपये आय की शर्त रद्द करें.
  • म्हाड़ा व सिडको योजना अंतर्गत ओबीसी आरक्षण लागू करें.
  • राज्य सरकार चर्चा के लिए प्रतिनिधि आमंत्रित करे.