Nagpur High Court
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    नागपुर. धंतोली स्थित बलराज मार्ग पर किराये के कमरे जबरन खाली कराने के लिए नियमों को ताक पर रखकर सदर पुलिस द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली को चुनौती देते हुए गणेश देवानी की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश अनिल किल्लोर ने पुलिस आयुक्त और सदर पुलिस निरीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. प्रकाश नायडू ने कहा कि वर्ष 1991 में मुरलीधर तिवारी ने 3 कमरे किराये पर दिए थे. यहां तक कि वर्ष 2009 को सम्पत्ति के आवासीय परिसर को भी किराये पर दिया. वर्ष 2009 में किराये को लेकर एग्रीमेंट किया था जिस पर धंतोली के ही 2 गवाहों ने हस्ताक्षर किए थे.

    वारिसों ने शुरू किया धमकाना

    अधि. नायडू ने कहा कि वर्ष 2021 में मुरलीधर तिवारी का निधन हो गया जिसके बाद उनके वारिसों ने परिसर को खाली करने के लिए धमकाना शुरू कर दिया. प्रताड़ित करने के लिए महिलाओं के बाथरूम के पास सीसीटीवी कैमरे लगा दिए. तमाम प्रयासों के बावजूद याचिकाकर्ता तटस्थ होने के कारण मुरलीधर तिवारी के नाती सिद्धांत मिश्रा और अन्य ने गणेश देवानी और अन्य दोनों गवाहों के खिलाफ सदर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के बाद पीएसआई अव्हाले ने किरायेदारों को फोन कर पुलिस थाना हाजिर होने के आदेश दिए. पुलिस थाना में ही समन लेने को कहा गया. इसी तरह से गवाहों को वाट्सअप पर समन जारी किया गया. अधि. नायडू ने कहा कि सुको की ओर से इस तरह के मामलों में दिए गए फैसलों का सरासर उल्लंघन किया गया है. 

    सदर पुलिस का अधिकार क्षेत्र नहीं

    अधि. नायडू ने सुनवाई के दौरान कहा कि समन में क्राइम नंबर और शिकायतकर्ता का नाम ही नहीं था. यहां तक कि याचिकाकर्ता को शिकायत की कापी भी उपलब्ध नहीं कराई गई. इसके विपरीत पुलिस थाना में बुलाने के बाद परिसर को खाली कराने के लिए धमकाया गया. ऐसा नहीं करने पर झूठे मामले में फंसाने की धमकी भी दी गई. अधिकार क्षेत्र नहीं होने के बावजूद सदर पुलिस ने शिकायत को स्वीकार किया जो नियम और कानून का उल्लंघन है. सुनवाई के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किए.