Nagpur High Court
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नागपुर. पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन (पेसो) के मुख्य नियंत्रक पुरुषेंद्र कुमार धीर सिंह को लाइसेंस घोटाले के मामले में हाई कोर्ट ने करारा झटका देते हुए अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. उल्लेखनीय है कि पेसो लाइसेंस घोटाले में प्रथम दृष्टया उनके शामिल होने के तथ्य मिलने पर उनके खिलाफ 3 जनवरी को एफआईआर दर्ज की गई थी.

न्यायधीश उर्मिला जोशी-फाल्के ने उनकी गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका खारिज कर दी. सीबीआई ने इस मामले में 3 जनवरी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी. एफआईआर में पेसो में विस्फोटक के 2 उपमुख्य नियंत्रक अशोक कुमार दलेला और विवेक कुमार एक अन्य व्यक्ति प्रियदर्शन दिनकर देशपांडे के अलावा राजस्थान की सुपर शिवशक्ति केमिकल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक देवी सिंह कछवाहा को आरोपी बनाया गया है. जांच के दौरान सीबीआई को लाइसेंस घोटाले में पुरुषेंद्र कुमार की भूमिका का संकेत देने वाले सबूत मिले.

जांच अधिकारी ने देशपांडे का बयान दर्ज किया, जिसने लाइसेंस घोटाले में पुरुषेंद्र कुमार की संलिप्तता का खुलासा किया. देशपांडे ने सीबीआई को यह भी बताया कि रिश्वत की राशि का 70 प्रतिशत हिस्सा पुरुषेंद्र कुमार को, 15 प्रतिशत हिस्सा दलेला और विवेक कुमार को दिया जाना था. शेष 15 प्रतिशत वह खुद रखता था.

सीबीआई ने कहा कि पुरुषेंद्र कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है और उसने कुमार की जमानत याचिका को खारिज करने का आग्रह किया. कोर्ट ने सीबीआई की याचिका स्वीकार करते हुए पुरुषेंद्र कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.