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नागपुर. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से 100 करोड़ की रंगदारी मांगने तथा जान से मारने की धमकी देने के मामले में गिरफ्तार जयेश पुजारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. सेंट्रल जेल में बंद पुजारी ने अब हाई कोर्ट में फौजदारी याचिका दायर की है कि उसका यहां से तुरंत कर्नाटक के बेलगावी जेल में ट्रांसफर किया जाए. इस पर मंगलवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश जीए सानप ने राज्य के गृह विभाग, बर्डी एसीपी और सेंट्रल जेल अधीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए. पुजारी की ओर से अधि. नीतेश समुद्रे ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि नागपुर पुलिस ने उसे कर्नाटक स्थित बेलगावी जेल से ही हिरासत में लिया था. 

कर्नाटक में 2 मामलों पर सुनवाई

पुजारी की ओर से पैरवी कर रहे अधि. समुद्रे ने कहा कि बर्डी एसीपी ने उसके खिलाफ 2 मामले दर्ज किए थे जिनमें उसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत कर कस्टडी में लेने का प्रयोजन पूरा हो गया है. अब चूंकि कर्नाटक में भी उसके खिलाफ 2 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें इन मामलों की सुनवाई के लिए गवाहों के बयान दर्ज किया जाना है. बेलगावी जेल के मुख्य अधीक्षक द्वारा 27 मार्च 2023 को पत्र भेजा गया था जिसमें याचिकाकर्ता को वापस भेजने का अनुरोध किया गया है. हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा भुगत रहे याचिकाकर्ता का पूरा परिवार भी कर्नाटक में है. 

न्यायिक हिरासत में भेज चुका है कोर्ट

अधि. समुद्रे ने कहा कि धंतोली थानांतर्गत दर्ज अलग-अलग मामलों को लेकर याचिकाकर्ता को प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिसमें छानबीन के लिए पीसीआर लिया गया. 24 अप्रैल 2023 तक पुलिस द्वारा सघन छानबीन और पूछताछ की गई है. 24 अप्रैल को पुन: अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. 25 मई को मामले से संबंधित पुलिस के सभी दस्तावेज प्राप्त करने के लिए आवेदन किया गया है जिसे ठुकरा दिया गया है. चूंकि कर्नाटक कोर्ट में प्रति दिन सुनवाई के दौरान उपस्थित रहना जरूरी है. यहां तक कि पुलिस को अब पुन: याचिकाकर्ता की हिरासत की आवश्यकता नहीं है. नियमों के अनुसार जहां मामले की सुनवाई चल रही हो उसी कार्य क्षेत्र की जेल में आरोपी को रखा जाना चाहिए. दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किए.