नागपुर. कभी बारिश तो कभी धूप तो कभी तेज उमस ने लोगों का हाल बेहाल कर रखा है. इससे लोग लोग सर्दी-खांसी, वायरल बुखार, गले में खराश और चर्म रोग जैसी समस्याओं से ग्रसित होते जा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है. शहर के साथ ही विदर्भ के ग्रामीण क्षेत्रों से लोग बड़ी संख्या में नागपुर अपना इलाज कराने के लिए आ रहे हैं.
अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले अधिकांश मरीज मौसमी बीमारियों से परेशान हैं. डॉक्टर भी उन्हें घर पर आराम के साथ बाहर कुछ भी खाने के लिए मना कर रहे हैं जिससे वे जल्द से जल्द बीमारी से ठीक हो सकें. ओपीडी के डॉक्टरों का कहना है कि मौसम का असर हर उम्र के लोगों पर हो रहा है लेकिन बच्चे और बूढ़े ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं. इनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता युवाओं की अपेक्षा कमजोर होती है, नतीजन शरीर मौसम के बदलाव को सह नहीं पाता और ये बीमार पड़ने लगते हैं.
मरीजों की भीड़ सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों के ओपीडी में भी लग रही है. वहां काफी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले फिजिशियन के यहां लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं. सबसे ज्यादा मरीज वायरल बुखार, सर्दी-खांसी, स्कीन की समस्या, डायरिया, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, टाइफायड के आ रहे हैं.
सावधानी बरतने की सलाह
डॉक्टरों के अनुसार मौसमी बीमारियों से बचने के लिए वे लोगों को पानी उबालकर पीने, बाहर बना खाना न खाने, घर के आसपास पानी जमा न करने, गीला कपड़ा न पहनने, बारिश में न भीगने के साथ सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह दे रहे हैं. इसके साथ ही बच्चों और बुजुर्गों की सेहत का खास ख्याल रखने की राय भी दे रहे हैं जिससे किसी भी आपात स्थिति से बचा जा सके. कई बार लोग मेडिकल से सीधे दवाई लाकर खा लेते हैं, डॉक्टर इन आदतों से बचने की बात कर रहे हैं.