India against EVM cover
बैलेट पेपर पर चुनाव (डिजाइन फोटो)

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नागपुर : वैसे तो कई राजनीतिक पार्टियों (Political Parties) और चुनाव हारने वाले कैंडीडेट EVM के खिलाफ जमकर अपना गुस्सा निकलते हैं। हर विधानसभा और लोकसभा के चुनाव ( Lok Sabha Elections 2024) में हार जीत के बाद इस पर सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन इससे अलग एक संस्था चुनाव आयोग और EVM को खुली चुनौती देकर एक ऐसा आंदोलन शुरू करने जा रही है, जिसमें निर्वाचन आयोग (Election Commission) को मजबूर होकर बैलट पेपर से चुनाव करना पड़ सकता है।

इसके लिए संस्था ने नागपुर (Nagpur Lok Sabha Elections 2024) और रामटेक लोकसभा क्षेत्र (Ramtek Lok Sabha Elections 2024) का चुनाव किया है और माना जा रहा है कि संस्था इस चुनाव में 400 से अधिक प्रत्याशी मैदान में उतारकर आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराने को मजबूर कर देगी।

India against EVM
बैलेट पेपर पर चुनाव (डिजाइन फोटो)

इंडिया अगेंस्ट ईवीएम के बैनर तले चल रहे आंदोलन के बीच ही भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावों की घोषणा कर दी। अप्रत्यक्ष रूप से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को आयोग ने ठुकरा दिया है। इसी तरह से सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है, जिससे अब संस्था के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। इसीलिए संस्था ने नागपुर और रामटेक लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में 400 से अधिक प्रत्याशी मैदान में उतारकर बैलेट से चुनाव कराने पर आयोग को मजबूर करने की जानकारी देने शुरू कर दी है। 

संगठन के राष्ट्रीय समन्वयक अधिकारी स्मिता कांबले ने पत्र-परिषद में दी। उन्होंने कहा कि देशभर में इसी तरह के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। कांग्रेस विधायक सुनील केदार ने भी बैलेट से चुनाव कराने की मांग कर इंडिया अगेंस्ट ईवीएम की इस पहल का समर्थन किया है।

EVM ‘हैक’ करने की होगी मॉक ड्रिल

बुलकुंदे ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से ईवीएम हैक नहीं होने का दावा किया जाता है, लेकिन ईवीएम की पूरी जानकारी नहीं दी जाती, इसीलिए आयोग से मशीन में उपयोग होने वाली तकनीकी जानकारी मांगी गई थी। किंतु आयोग ने यह जानकारी नहीं दी। ईवीएम आसानी से हैक हो सकती है, इसके प्रयोग देशभर में चल रहे हैं। 

इसके लिए इसकी मॉक ड्रिल दिखाई जाएगी। शुक्रवार को ईवीएम में धांधली को लेकर मॉक ड्रिल की जाएगी। जल्द ही समय और स्थल की घोषणा की जाएगी। 

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बैलेट पेपर पर चुनाव (डिजाइन फोटो)

आयोग की होगी मजबूरी

प्रीतम बुलकुंदे ने कहा कि हर ईवीएम का एक कंट्रोल यूनिट होता है। इस लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने एम-3 ईवीएम मशीन लाई हैं। ये मशीनें आसानी से हैक हो सकती हैं।  इस मशीन के साथ अधिकतम 24 बैलेट यूनिट जोड़े जा सकते हैं। एक बैलेट पर 16 प्रत्याशियों के नाम रह सकते हैं, जिसके अनुसार 24 बैलेट पर 384 प्रत्याशियों के नाम हो सकेंगे। यदि प्रत्याशियों की संख्या 384 से अधिक हुई तो चुनाव आयोग को मजबूरन बैलेट से चुनाव कराने पड़ेंगे। यही इंडिया अगेंस्ट ईवीएम का प्रयास है। अगर सारे दाव फेल हुए तो इसे ही आजमाया जाएगा।

सभी दरवाजे बंद, फिर भी हम दिखाएंगे दम 

संगठन के प्रवक्ता विश्वास पाटिल ने कहा कि ईवीएम के खिलाफ देशभर में बड़े पैमाने पर आंदोलन हो रहे हैं। विरोधी इस आंदोलन को दबाने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन आंदोलन की आक्रामकता कम नहीं हुई। बैलेट पेपर से चुनाव के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न संगठनों का भी साथ मिल रहा है। न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया लेकिन न्यायपालिका से न्याय नहीं मिला है। फिर भी हिम्मत नहीं हारी है। इसका विकल्प ढूंढा गया।