नागपुर: एनसीपी विधायक रोहित पवार (Rohit Pawar) की युवा संघर्ष यात्रा (Yuva Sangharsh Yatra) पर नागपुर में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। बताया जा रहा है कि एनसीपी के युवा कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर विधानसभा की ओर कूच कर रहे थे। पुलिस ने लोगों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया। पुलिस के लाठीचार्ज के बाद एनसीपी के युवा कार्यकर्ता भी आक्रामक हो गए हैं और उन्होंने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की भी कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने रोहित पवार के साथ कई एनसीपी कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में ले लिया।
Maharashtra | 'Yuva Sangharsh Yatra' organized by NCP Sharad Pawar faction MLA Rohit Pawar concluded in Nagpur today. After the Yatra, Rohit Pawar and his supporters tried to enter the Assembly, but the police stopped them. After this, the party workers broke the police…
— ANI (@ANI) December 12, 2023
रोहित पवार के नेतृत्व में युवा संघर्ष यात्रा ने राज्य भर के 400 गांवों से 800 किलोमीटर की पैदल यात्रा की। जिसका मंगलवार को नागपुर समापन हुआ। इस कार्यक्रम के समापन में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, संजय राहत समेत कई अन्य प्रमुख नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इसके बाद रोहित पवार की युवा संघर्ष यात्रा सीधे विधानभवन की ओर रवाना हो गई। रोहित पवार अपनी मांगो को लेकर विधान भवन की और बढ़ रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। पुलिस ने रोहित पवार से चर्चा की और समझाने की कोशिश की, लेकिन रोहित पवार अपनी मांगों पर अड़े रहे।
हालत बिगड़ती देख पुलिस ने रोहित पवार समेत कई कार्यकर्ताओं को जबरन गाड़ी में बैठा लिया। रोहित पवार को हिरासत में लेते ही यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आक्रामक रुख अपना लिया। वहीं, रोहित पवार ने पुलिस की गाड़ी के पास धरने पर बैठ गए। वैन के बाहर धरना देने के बाद पुलिस ने भी बल प्रयोग किया।
शक्ती प्रदर्शन नहीं, लोगों की परेशानी जानना था : रोहित पवार
रोहित पवार ने कहा कि इस सरकार ने एमपीएससी में भ्रष्टाचार किया। राज्य के युवाओं के बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ रही है। सरकार कहती है कि आज के युवा संवेदनशील नहीं है। सामान्य नागरिकों के मुद्दे उठाने पर हक भंग की कार्रवाई की जाती है। जन सामान्य के मुद्दों को सरकार तक पहूंचाने के बारे में मैंने शरद पवार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इसके लिए संघर्ष करना होगा। सामान्य लोगों के बीच जाकर उनकी परेशानी जाननी होगी। बस तभी मैंने संघर्ष यात्रा करने का निर्णय ले लिया। यात्रा के दौरान एक छात्र ने बताया कि स्पर्धा परीक्षा देने के लिए उसकी मां ने मंगलसूत्र बेच दिया।
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किसानों का खर्च तो बढ़ता जा रहा है लेकिन उनके उत्पादनों को भाव नहीं मिल रहा। यह यात्रा शक्ती प्रदर्शन के लिए नहीं बल्कि जन सामान्य की समस्या जानने के लिए निकाली गई। यात्रा के दौरान कंप्युटर आपरेटर, स्वास्थ कर्मचारी, ठेका कर्मचारियों ने हमें अपनी समस्याएं बताकर निवेदन दिया। हम सदन में सभी प्रश्नों पर सरकार से जवाब मांगेंगे। दिवंगत राकां नेता आर।आर। पाटिल के बेटे रोहित पाटिल ने भी पवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्षयात्रा में लोगों की परेशानी जानी। पाटिल ने कहा कि हम चाहते तो वाहनों पर भी यात्रा निकाल सकते थे। लेकिन हमें नागरिकों की समस्या जाननी थी। आज पूरे देश की नजर इस यात्रा पर है। जहां-जहां से निकले लोगों ने समस्या बताई। हम लोगों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
विधान भवन जाने का प्रयास, जमकर हाथापाई
रोहित पवार ने कहा कि मगरूर सरकार किसानों और युवाओं की परेशानी जानने के लिए सभा स्थल तक नहीं आ सकती। सरकार का कोई नूमाइंदा यहां नहीं आया और इसलिए हम विधानभवन में जाकर उन्हें समस्या बताएंगे। रोहित का इशारा मिलते ही सैंकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता विधान भवन की ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके उन्हें रोकने का प्रयास किया। 2 जगहों पर बैरिकेड तोड़ने के बाद पुलिस ने बलप्रयोग करके रोहित और कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया। स्थिति बिगड़ने की खबर मिलते ही ज्वाइंट सीपी अस्वती दोरजे, डीआईजी संजय पाटिल, प्रमोद शेवाले, डीसीपी श्रवण दत्त, सुदर्शन मुमक्का, राहुल मदने और शशिकांत सातव ने मोर्चा संभाल लिया। जमकर धक्का मुक्की होने लगी। आखिर पुलिस ने एक-एक कार्यकर्ताओं को घेर कर हिरासत में लेना शुरु कर दिया।
रोहीत पवार, सलील देशमुख, संदीप शिरसागर और रोहीत पाटील सहित 150 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर दाभा स्थित डिटेंशन सेंटर ले जाया गया। इसमें कुछ लोग जख्मी भी हुए। कांग्रेस नेता बंटी शेलके की गर्दन पर भी चोट लग गई और वो जमीन पर गिर गए। रोहित पवार ने कहा कि किसानों की आवाज उठाने के लिए पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया है। कार्यकर्ताओं को पीटा जा रहा है। ज्वाइंट सीपी अस्वती दोरजे ने साफ कहा कि कहीं भी लाठीचार्ज नहीं हुआ है। आंदोलनकारी विधान भवन की ओर जाने का प्रयास कर रहे थे। इसलिए बल का उपयोग कर उन्हें डिटेन किया गया। रात 9 बजे के दौरान पवार, पाटिल, सलील और संदीप क्षिरसागर ने सीएम से मुलाकात कर सभी मुद्दों पर चर्चा की।