
नागपुर. विधान परिषद में विरोधी पक्षनेता अंबादास दानवे ने आरोप लगाया है कि अपने करीबी ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए नागपुर के विकास का ढोंग करते हुए सीमेन्टीकरण व पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का कार्य यहां के स्थानीय नेताओं ने किया. ऐसा कर इन नेताओं ने नागपुर के नागरिकों को बाढ़ में धकेलने का पाप किया है. दानवे नागपुर दौरे पर आये थे और उन्होंने बाढ़ग्रस्त भागों का दौरा कर पीड़ितों से संवाद भी साधा.
रविभवन में प्रेस परिषद में उन्होंने कहा कि मुंबई में बारिश में जलजमाव हुआ तो मुंबई हो गई तुंबई कहकर भाजपा ने बदनामी की थी लेकिन नागपुर का विकास के नाम पर सीमेंट का जंगल करने वाले केन्द्र व राज्य के दो बड़े नेताओं के होते हुए भी केवल 100 मिमी बारिश में नागपुर डूब गई यह उनकी राजनीतिक असफलता है. बाढ़ के संकट के लिए उन्होंने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी व डीसीएम देवेन्द्र फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया. प्रेस परिषद में शिवसेना यूबीटी के संपर्क प्रमुख व विधायक दुष्यंत चतुर्वेदी, महानगर प्रमुख किशोर कुमेरिया, शहर प्रमुख नितिन तिवारी, दीपक कापसे, पूर्व विधायक प्रकाश जाधव, सुरेखा खोब्रागड़े, शिल्पा बोडखे, सतीश हरडे व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
मनपा, NIT भी जिम्मेदार
दानवे ने कहा कि मनपा और एनआईटी भी इसके लिए जिम्मेदार है क्योंकि दोनों के बीच समन्वय नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रशासकीय यंत्रणा ऐसी घटना का इंतजार कर रही थी. नागरिकों के हुए नुकसान का पंचनामा हो रहा लेकिन नागरिकों तक तत्काल मदद पहुंचना आवश्यक है. अंबाझरी लेक की सुरक्षा दीवार टूट गई इसका कार्य 4 चरणों में होना था. पहले चरण का कार्य पूर्ण होने पर अगले चरणों का कार्य करने में दुर्लक्ष किया गया. अब तो पहले चरण का कार्य ही नये सिरे से करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी को इसका नया डीपीआर बनाकर जल्द से जल्द कार्य हाथ में लेने का निर्देश दिया है इसमें हम सहकार्य करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रशासन पर नियंत्रण नहीं होने, अति विश्वास व विकास की गप्पे मारने के कारण ही नागपुरकरों को बाढ़ जैसी आपदा का सामना करना पड़ा यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
बीजेपी व बावनकुले में अब दम नहीं
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले द्वारा बयान दिया गया था कि भाजपा में दूसरी पार्टियों से और भी नेता आने वाले हैं. इस पर दानवे ने कहा कि भाजपा में नेतृत्व का अभाव है इसलिए उसे बाहर से नेता आयात करना पड़ता है लेकिन अब बीजेपी कितना ही प्रयास कर ले अंत में जनता ही उसे सबक सिखाएगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी व बावनकुले में अब दम नहीं रहा इसलिए दूसरी पार्टियों से नेता लाना पड़ रहा है. शिवसेना छोड़कर अलग गुट बनाने वाले सीएम एकनाथ शिंदे गुट को आड़ेहाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि शिंदे के साथ गए विधायक व सांसद गद्दार-खोकेबाज के रूप में पहचाने जाते हैं. उनकी प्रतिमा ही नहीं है तो बदनामी का सवाल ही नहीं उठता. मराठा आरक्षण पर उन्होंने कहा कि सरकार को 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाकर स्वतंत्र आरक्षण देना चाहिए ताकि ओबीसी या अन्य को फटका न पड़े.