Bawankule

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नागपुर. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 27 मार्च है और अब तक राज्य में महायुति के सीटों के बंटवारे का पेंच उलझा हुआ है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा किया है कि राज्य की 7 सीटों पर निर्णय के संदर्भ में लगातार चर्चाओं का दौर शुरू है और चर्चा अंतिम चरण में हैं. आने वाले 2-3 दिनों में किसे कौन सी सीट मिलेगी इस पर निर्णय हो जाएगा. मतलब नामांकन दाखिल करने के अंतिम एक दिन पूर्व पेंच सुलझ जाएगा.

पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि रामटेक सीट बीते कई वर्षों से शिवसेना के पास है और अभी भी वह सीट शिवसेना के पास ही है. इस सीट पर भी जल्द ही फैसला होगा. वहीं अमरावती सीट पर उन्होंने दावा किया कि 100 परसेंट बीजेपी के चुनाव चिन्ह कमल पर ही वहां से चुनाव लड़ा जाएगा. संभाजीनगर सीट के लिए कोई विवाद नहीं है और मुंबई की सीटों पर सीएम एकनाथ शिंदे निर्णय लेंगे.

देरी का कारण मनसे नहीं

मनसे को महायुति में शामिल करने की कवायद या अन्य दलों की दावेदारी के कारण उम्मीदवारी घोषित करने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है. महायुति में भाजपा सहित सभी 13 दल एकत्र होकर चुनाव लड़ेंगे. हमने प्रत्येक बूथ पर ध्यान केन्द्रित किया है. राज्य में भाजपा का वोटिंग प्रतिशत कम से कम 8 फीसदी से बढ़ने की आशा उन्होंने जताई. साथ ही दावा किया कि 51 प्रतिशत वोट हासिल कर राज्य में 45 प्लस सीट महायुति को मिलेगी. एक बार फिर नरेन्द्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे.

शिवसेना की है रामटेक सीट

जिले की रामटेक सीट पर शिवसेना में फूट के बाद से ही बीजेपी दावा कर रही है. भाजपा के जिलाध्यक्ष सुधाकर कोहले ने भी दावा किया था कि इस सीट पर चुनाव चिन्ह कमल से ही लड़ने की भावना कार्यकर्ताओं की है. बीजेपी की ओर से पूर्व जिलाध्यक्ष अरविंद गजभिये और पूर्व विधायक सुधीर पारवे का नाम उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट किया गया है. वहीं कांग्रेस विधायक राजू पारवे को भी बीजेपी में लाने के प्रयास के कयास लग रहे थे. इससे शिवसेना शिंदे गट के स्थानीय कार्यकर्ताओं में भारी रोष है.

सिटिंग एमपी कृपाल तुमाने भी इस तरह के कयासों के बाद से अपनी दावेदारी बचाने की मशक्कत कर रहे हैं. अब यह संकेत मिल रहे हैं कि रामटेक सीट शिवसेना शिंदे गट को ही मिलेगी. हालांकि उम्मीदवार कौन होगा यह साफ नहीं हुआ है. तुमाने रिपीट किये जा सकते हैं. तुमाने समर्थक शिंदे गट के पदाधिकारियों ने अपने मुखिया एकनाथ शिंदे को चेतावनी देने लगे हैं कि अगर यह सीट बीजेपी को गई तो वे अपना उम्मीदवार भी खड़ा करेंगे. जिला संगठक गूजर ने अपना इस्तीफा भेजकर उक्त चेतावनी दी है.

रामटेक सीट में बगावत के सुर उठते देख संभवत: बीजेपी भी अपने दावे पर नरम पड़ती दिख रही है क्योंकि उसे किसी भी हालत में ‘400 पार’ का टारगेट पूरा करना है और वह किसी भी मित्रदल को नाराज करना नहीं चाहेगी. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले ने कहा है कि रामटेक की सीट फिलहाल शिवसेना के ही पास है. अगर उसका उम्मीदवार यहां से तय होता है तो बीजेपी महायुति के उम्मीदवार को विजयी दिलाने के लिए कार्य करेगी. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि हम अभी भी शिंदे से यह सीट बीजेपी के लिए छोड़ने की विनती कर रहे हैं. फाइनल निर्णय 2-3 दिनों में आने का विश्वास उन्होंने जताया.