Shutdown Movement Nurse Nagpur

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    नागपुर. महाराष्ट्र एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल कोर्ट द्वारा वैद्यकीय शिक्षा संचालनाय को उनका पक्ष रखने के लिए समय दिये जाने के कारण मंगलवार से नियोजित महाराष्ट्र राज्य परिचारिका संगठन का ‘कामबंद’ आंदोलन फिलहाल रोक दिया गया. न्यायालय द्वारा दिये गये समय व रुग्णसेवा को ध्यान में रखते हुए संगठन की ओर से निर्णय लिया गया लेकिन प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखते हुए मेयो और मेडिकल में काली फीत लगाकर आंदोलन किया गया.  

    संगठन की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनीषा शिंदे का तबादला रद्द किये जाने की मांग को लेकर मंगलवार को काम बंद और 30 नवंबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल की जानी थी. इससे पहले तबादले के विरोध में डॉ. शिंदे ने मैट का दरवाजा खटखटाया जिस पर वैद्यकीय शिक्षा विभाग को अपना पक्ष रखने का समय दिया गया. प्रदेश उपाध्यक्ष शहजाद खान ने बताया कि भले ही मैट ने संचालनालय को समय दिया हो लेकिन मंगलवार को जारी पत्र में न्यायालय में याचिका स्वीकार नहीं किये जाने की बात सामने आई. इससे साफ है कि विभाग नर्सों की दिशाभूल करने का प्रयास कर रहा है. इसके निषेधार्थ काली फीत लगाकर आंदोलन किया गया. यह विरोध प्रदर्शन सतत रूप से जारी रहेगा. 

    सरकार के खिलाफ आक्रोश 

    नागपुर सचिव जुल्फी अली ने बताया कि सरकार की गैरकानूनी कृति के खिलाफ संगठन में आक्रोश है. डॉ. मनीषा शिंदे के साथ संगठन पूरी ताकत से खड़ा है. मंगलवार को मेडिकल में गेट मीटिंग की गई. कोषाध्यक्ष सायमन माडेवार ने बताया कि मामला कोर्ट में लंबित होने से आंदोलन को शिथिल किया जा रहा है. इस अवसर पर संयोगिता महेशगवली, उपाध्यक्ष भारती नेटके, राहुल भुते, जयश्री शरथ आदि उपस्थित थे.